“एक आँख से देखना” – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 96

 एक गैरसरकारी स्कूल के मखमली घास के खेल प्रागंण में फुटबॉल मैच चल रहा था। हर खिलाड़ी अपना शत प्रतिशत देना चाह रहा था क्योंकि आज गोवा फुटबॉल फेस्टिवल के लिए प्रतिभागियों को चुना जाना था।  श्रेष्ठ खिलाड़ी गोपाल और माधव ने आज भी अपनी काबिलियत के झंडे गाड़ दिए थे … उन दोनों का … Read more

अटूट बंधन – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

New Project 41

जल्दी करो बारात आती होगी जयचंद जी बौखलाए हुए इधर – उधर घूम रहें थें ।आज उनकी इकलौती बेटी की शादी है वो कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे । माथे से पसीना पोंछते हुए दरवाज़े पे निहारते हुए कश्मकश में खोए एक बाप की जिम्मेदारी निभा रहे थे । एक माँ- बाप के लिए … Read more

मुझे कोई मलाल नहीं… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 97

“माँ जल्दी से अस्पताल आ जाओ… दादी की तबियत बहुत ख़राब है… वो बार बार तुम्हें याद कर रही है ।”वंशिका ने जैसे ही फ़ोन पर येकहा मानसी  जल्दी से अपना मोबाइल और बैग हाथ में लेकर वंशिका के अस्पताल की ओर भागी अस्पताल के बिस्तर पर मनोरमा जी असहाय नज़र आ रही थी… क्षमा … Read more

बच्चों में भेद कैसा – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 84

 किट्टू स्कूल से चहकती हुई आकर पापा के गले से लिपट गई, और खुशी से चिल्लाते हुए बोली…. पापा मम्मी .. अगले हफ्ते हमारी क्लास एडवेंचर ट्रिप पर जाएगी, और एक रात वही स्टे होगा! वाऊ…कितना मजा आएगा!.. आई एम सो एक्साइटेड..!पिछली बार जब भैया इस ट्रिप पर गया था तो उन्हें कितना मजा आया … Read more

एक आंख से देखना – रेखा जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 2

आज कीर्ति जी के बेटे की शादी का लेडीज संगीत है।  कीर्ति जी की सोसायटी की उनकी सारी सखियां खूब नाच गा रही थी।  उनकी सोसायटी में ज्यादातर लोग कम पढ़े लिखे और अनुसूचित जाति से थे। उनकी नाचने वाली सखियों में एक सखी वर्षा जो कि काफी पढ़ी लिखी कॉलेज में प्रोफेसर है और … Read more

एक आँख से देखना – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 55

सुहानी कहाँ चली गई है बेटा इधर तो आ सासु माँ ने बड़े ही प्यार से अपनी छोटी बहू सुहानी को पुकारा ।  सुहानी ने रसोई से आवाज़ दी माँ मैं रसोई में दीदी की मदद कर रही हूँ ।  सासु माँ ने ज़ब्त फिर से पुकारा तो वह रसोई से आकर कहती है बोलिए … Read more

जैसा करोगे वैसा भरोगे – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 60

अपने पैंसठवे जन्मदिन पर सुभद्रा जी उस शहर के एक वृद्धाश्रम में जाकर कुछ कपड़े और मिठाई बाँटना चाहती थी…  उन्होंने जब अपने बेटे से कहा तो वो बोला ,“ माँ नई जगह पर आप ये सब करने को कह रही हो मैं तो खुद यहाँ दो महीने पहले आया हूँपता कर बताता हूँ फिर … Read more

“खरी खरी सुनाना” – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 42

चाय का कप हाथ में लेकर सोफे पर धसते हुए नैना बड़बडाने लगी…यह तारा बाई आज भी नहीं आई। इन लोगों का तो बस यही हाल है। तभी घण्टी बज उठी … दरवाजे पर तारा बाई जी और उसकी बेटी को देखकर नैना एकदम बरस पड़ी। यह तुमने क्या मजाक लगा रखा है एक सप्ताह … Read more

समझदार हो गए हैं, मेरे बच्चे……. – डॉ.विभा कुमरिया शर्मा। : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T211239.414

इतनी लाल आंखें ?बेटा क्या हो गया सुबह- सुबह ? मम्मी मैंने आपकी टिकट कैंसिल करवा दी, कहते – कहते ही उसके गाल मोटे- मोटे आंसुओं से भर गए । मेरी टिकट कैंसिल करवा दी , क्यों ? मैंने उससे पूछा। मुझसे पूछे बगैर कैंसिल करवा दी क्यों ? वह बिफर गई और बोली वह … Read more

खरी-खोटी सुनाना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

New Project 6

विमलाजी के  दिल में पश्चाताप के  बादल  हमेशा  उमड़ते-घुमड़ते रहते।जो व्यक्ति इस संसार में नहीं है ,उससे माफी भी तो नहीं माँगी जा सकती है। आजकल उन्हें नींद भी बहुत कम आती है।बेचैनी में उठकर कुछ देर बिस्तर पर खामोश बैठी रहतीं हैं ,फिर  कुछ देर बाद उठकर चाय   बनाने लगती हैं। बर्त्तन की … Read more

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