पहले समझो फिर बोलो – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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 रीता, नलिनी, मंजू ,शिखा.. अरे सब की सब कहां मर गई! आज मैं जो न्यूज़ तुम्हें देने वाली हूं, उसे सुनकर तुम्हारे होश उड़ जाएंगे! नीलम का ऐसा कहते ही सभी बोल पड़ी.. ऐसी क्या न्यूज़ है, जिसे सुनते ही हमारे होश उड़ जाएंगे! अब सब्र नहीं होता, जल्दी बता क्या बात है! अरे. तुम … Read more

“कान का कच्चा” – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

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 रात को ११ बजे आकांक्षा ने जैसे ही स्कूटी से अपनी कॉलोनी में प्रवेश किया … रात के भोजन के बाद कॉलोनी में टहलने वालों की निगाहें उसे ऐसे घूर रहीं थीं मानों उसने कुछ अपराध किया हो … मिसेज पाटील की ऑंखें मिसेज वर्मा को कुछ  इशारा कर रही थीं.. मिसेज पाटील बोली- अब … Read more

जो लिखा है वही होगा – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

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रानो को पहली संतान बेटी हुई थी । जबकि रघु और उसकी माँ को बेटे की चाह थी । रानो की सास को जब पता चला कि वो फिर से दादी बनने वाली हैं । तो उसके चेहरे पे एक चमक आ गई । उसने अपने बेटे को बुलाया और कहा कि तुम बहू को … Read more

सरप्राइस – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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  रिया कई दिनों से देख रही थी, आजकल रोहित कुछ ज्यादा ही प्रसन्न नजर आ रहे हैं! क्या कारण हो सकता है? कहीं इन्हें कोई प्रमोशन तो नहीं मिल गया ऑफिस में? या और कोई बात है? किंतु यह मुझे बता क्यों नहीं रहे? आजकल इनका फोन भी आता है, तो यह अकेले में बहुत … Read more

बंटवारा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 66

“ माँ अब हमें साथ में नहीं रहना… हम दोनों भाइयों में बंटवारा कर दो … हम अपने हिस्से में आराम से रहना चाहते हैं ।” महेश ने थोड़े ग़ुस्से में कहा  “ पर बेटा अभी तेरी शादी को दो महीने भी ना हुए और तू अलग होने की बात करने लगा…जरा सोच कर तो … Read more

*परिवार फिर एक हो गया * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 77

मोहिनी जी और उनकी बहु रूपा बहुत प्रेम से रहती थी।रूपा ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी, मगर हर काम में दक्ष ,और व्यवहारिक थी। दोनों सास बहू सारे तीज त्यौहार बड़े प्रेम से मनाती। उनकी पड़ौसन मालती जी हमेशा अपनी बहू रोहिणी के आगे, रूपा के गुण का बखान करती थी। मालती और रोहिणी की … Read more

आठ-आठ आंसू ‌रोना – संगीता श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

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मां हमेशा कहती थी,”देख नीरू,जब शादी होगी, ससुराल तो जाना ही है। कुछ तो सीख ले बेटा! ससुराल में हंसी का पात्र न बनना पड़े, मुझे ताना ना मिले, इस बात का तो ख्याल कर! जग हंसाई मत कराना।” पर सुनता कौन था मां का!एक कान से सुन दूसरे कान से निकाल देती थी। “नहीं … Read more

* ठोकर खाकर सम्हलना * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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 घीसू ऑंगन में डली चारपाई पर लेटा हुआ, आसमान की ओर देख रहा था। आज मौसम खुला हुआ था। घीसू ने सोचा आज खेतो में धान बौने कै लिए अच्छा मौसम है, सब अपने खेतो में धान बो रहै होंगे और वह चारपाई पर पड़ा है। दो दिन आने वाले  ज्वर ने उसकी कमर चौड़ा … Read more

दृष्टिहीन – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

New Project 68

चल मृदुला उठ कुछ खा पी ले …दो दिन हो गये .. आखिर कब तक यूँ ही रोती और शोक मनाती रहेगी।  कैसे सब्र करूँ सुचेता साल भर के अंदर एक- एक कर चारों बेटे भगवान् को प्यारे हो गये।मेरी एक न सुनी किसी ने.. अरे मैं तो दृष्टिहीन थी पर हर काम सुचारु रूप … Read more

आठ-आठ आँसू रोना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

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पूनम जल्दी-जल्दी अपने हाथ चला रही है।आज सुबह उसे उठने में देरी हो गई। घर की सफाई के बाद उसे रसोई में सास-ससुर,जेठ-जेठानी और उनके बच्चों के लिए खाना भी बनाना है,फिर नौकरी के लिए  बैंक भी जाना है। बैंक से आकर रात में सभी के लिए  खाना बनाना।पूनम की रोज की यही दिनचर्या है। … Read more

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