डूब मरना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

बेटे भूषण की करतूत के कारण ठाकुर  सुरेश सिंह के उजियारे जीवन को दुख के बादलों ने पूरी तरह ढ़क लिया।उनके पूर्वजों की त्याग,तपस्या पलभर में जलकर खाक हो गई। सारी इज्जत, मर्यादा मिट्टी में मिल गई। बेटे का भविष्य सुधरने की बजाय बदनामी के गर्त में डूब गया।बड़े अरमानों से उन्होंने बेटे का नाम … Read more

कलंक – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज सुरेश जी बहुत खुश दिखाई दे रहे थे !आखिर खुशी की बात भी थी!  उनके इकलौते पुत्र राघव ने इस बार आठवीं कक्षा  द्वितीय श्रेणी में पास की थी! कई सालों बाद आज यह खुशी का दिन आया था ! राघव के मना करने के बावजूद सुरेश जी ने शाम को अपने सभी परिचितों … Read more

“प्रायश्चित ” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“साहब!मेरे बच्चे की मदद करना,मेरे बाद इसका इस दुनिया में कोई नहीं है!मैंने भी हमेशा आपके परिवार को ही अपना समझा है,मेरे मरने के बाद इसका क्या होगा,सोचकर मेरा दम निकला जा रहा है” हाथ जोड़कर रो रोकर ड्राइवर रामसिंह अपने साहब महेश जी से विनती कर रहा था! महेश जी ने वादा किया कि … Read more

भटकाव – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ इमरती क्या बात है तू इतना खोई खोई क्यों है… और तेरी रानी किधर है ससुराल से तो आ गई है ना फिर हमसे मिलने क्यों नहीं आई?” कल्याणी जी ने काम करती इमरती से पूछा  “ क्या कहें माँ जी हमारे तो करम ही फूट गए जो ऐसी बेटी जनी…जा कर कहीं डूब … Read more

* पवित्र भावना का प्रतिफल * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

नन्हीं सुरेखा  के मन में यह प्रश्न उठता था कि,  “राधा माँ उसमें और सुमन में भेदभाव क्यों करती है? मेरी माँ मुझे छोड़कर भगवान के घर चली गई उसमें मेरा तो कोई दोष नहीं है।” सुरेश जी ने दूसरी शादी की तो सुरेखा को लगा कि उसे माँ मिल जाएगी। सुरेखा ने अपनी माँ … Read more

एक आँख से देखना – रीतू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

राधा और मोहन के दो बेटियाँ थी। एक सावी जो कि बहुत सुन्दर थी और दूसरी साँझी। पर साँझी जन्म से ही अपाहिज थी। उसका एक पैर टेढ़ा था। वो लंगड़ा कर चलती थी और सांवली भी थी,जिस कारण मोहन उसे कहीं बाहर लेके जाना पसंद नहीं करता था और हर बार सावी से तुलना … Read more

“एक आँख से देखना” – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

 एक गैरसरकारी स्कूल के मखमली घास के खेल प्रागंण में फुटबॉल मैच चल रहा था। हर खिलाड़ी अपना शत प्रतिशत देना चाह रहा था क्योंकि आज गोवा फुटबॉल फेस्टिवल के लिए प्रतिभागियों को चुना जाना था।  श्रेष्ठ खिलाड़ी गोपाल और माधव ने आज भी अपनी काबिलियत के झंडे गाड़ दिए थे … उन दोनों का … Read more

अटूट बंधन – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

जल्दी करो बारात आती होगी जयचंद जी बौखलाए हुए इधर – उधर घूम रहें थें ।आज उनकी इकलौती बेटी की शादी है वो कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे । माथे से पसीना पोंछते हुए दरवाज़े पे निहारते हुए कश्मकश में खोए एक बाप की जिम्मेदारी निभा रहे थे । एक माँ- बाप के लिए … Read more

मुझे कोई मलाल नहीं… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“माँ जल्दी से अस्पताल आ जाओ… दादी की तबियत बहुत ख़राब है… वो बार बार तुम्हें याद कर रही है ।”वंशिका ने जैसे ही फ़ोन पर येकहा मानसी  जल्दी से अपना मोबाइल और बैग हाथ में लेकर वंशिका के अस्पताल की ओर भागी अस्पताल के बिस्तर पर मनोरमा जी असहाय नज़र आ रही थी… क्षमा … Read more

बच्चों में भेद कैसा – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 किट्टू स्कूल से चहकती हुई आकर पापा के गले से लिपट गई, और खुशी से चिल्लाते हुए बोली…. पापा मम्मी .. अगले हफ्ते हमारी क्लास एडवेंचर ट्रिप पर जाएगी, और एक रात वही स्टे होगा! वाऊ…कितना मजा आएगा!.. आई एम सो एक्साइटेड..!पिछली बार जब भैया इस ट्रिप पर गया था तो उन्हें कितना मजा आया … Read more

error: Content is Copyright protected !!