*परिवार फिर एक हो गया * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

मोहिनी जी और उनकी बहु रूपा बहुत प्रेम से रहती थी।रूपा ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी, मगर हर काम में दक्ष ,और व्यवहारिक थी। दोनों सास बहू सारे तीज त्यौहार बड़े प्रेम से मनाती। उनकी पड़ौसन मालती जी हमेशा अपनी बहू रोहिणी के आगे, रूपा के गुण का बखान करती थी। मालती और रोहिणी की … Read more

आठ-आठ आंसू ‌रोना – संगीता श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मां हमेशा कहती थी,”देख नीरू,जब शादी होगी, ससुराल तो जाना ही है। कुछ तो सीख ले बेटा! ससुराल में हंसी का पात्र न बनना पड़े, मुझे ताना ना मिले, इस बात का तो ख्याल कर! जग हंसाई मत कराना।” पर सुनता कौन था मां का!एक कान से सुन दूसरे कान से निकाल देती थी। “नहीं … Read more

* ठोकर खाकर सम्हलना * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

 घीसू ऑंगन में डली चारपाई पर लेटा हुआ, आसमान की ओर देख रहा था। आज मौसम खुला हुआ था। घीसू ने सोचा आज खेतो में धान बौने कै लिए अच्छा मौसम है, सब अपने खेतो में धान बो रहै होंगे और वह चारपाई पर पड़ा है। दो दिन आने वाले  ज्वर ने उसकी कमर चौड़ा … Read more

मायके की गली – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“लो फिर तुम यहाँ बैठ कर आँसू बहा रही हो… अब क्या हुआ..अच्छी भली सबके साथ बैठ कर गप्पें मार रही थी अचानक उठ कर यहाँ आकर रोना चालू।” पति मयंक की बात सुन ऋषिका और जोर जोर से रोने लगी “ आप नहीं समझेंगे। ” कहते हुए ऋषिका अपने आँसू पोंछ कर वापस से … Read more

दृष्टिहीन – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

चल मृदुला उठ कुछ खा पी ले …दो दिन हो गये .. आखिर कब तक यूँ ही रोती और शोक मनाती रहेगी।  कैसे सब्र करूँ सुचेता साल भर के अंदर एक- एक कर चारों बेटे भगवान् को प्यारे हो गये।मेरी एक न सुनी किसी ने.. अरे मैं तो दृष्टिहीन थी पर हर काम सुचारु रूप … Read more

आठ-आठ आँसू रोना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

पूनम जल्दी-जल्दी अपने हाथ चला रही है।आज सुबह उसे उठने में देरी हो गई। घर की सफाई के बाद उसे रसोई में सास-ससुर,जेठ-जेठानी और उनके बच्चों के लिए खाना भी बनाना है,फिर नौकरी के लिए  बैंक भी जाना है। बैंक से आकर रात में सभी के लिए  खाना बनाना।पूनम की रोज की यही दिनचर्या है। … Read more

माँ का रूप – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

सुबह-सुबह की भोर थी …सब लोग मनु को ढूँढ रहे थे । घर का हर एक कोना ,आस-पड़ोस सब जगह देख लिया पर उसका कहीं कुछ पता नहीं चल रहा था । वीणा जो इस घर में मनु की नयी माँ बनकर आयी थी । वो बोली “उसके दोस्तों से भी पूछो ! वो बिना … Read more

इस अपराध की कोई माफ़ी नहीं ……..। – डॉ.विभा कुमारिया शर्मा। : Moral Stories in Hindi

देखो बेटा , अब तुम्हारी कोई बात मुझे नहीं सुननी है , तुम ऐसा ही समझ लो। तुम अब निकलो यहां से । सागर सिंह ने सीधे-सीधे अपने दामाद अमन से कह दिया। पर , पर , पापा जी हमारी रिजर्वेशन तो परसों की है, मतलब परसों शाम को हम दोनों जाएंगे । क्या आपको … Read more

डूब मरना – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 नमिता के सीधे सादे पहनावे और कम शिक्षा का, सोसाइटी की महिलाये खूब मज़ाक उड़ाती, कोई बहन जी तो कोई बुद्धू कहती, नमिता सब कुछ समझती लेकिन कोई जवाब ना देती, आये दिन अपमान का गरल पीती..!! सोसाइटी में आये दिन कभी किटी पार्टी तो कभी पिकनिक होती रहती, पंद्रह अगस्त की तैयारी चल रही … Read more

कौन अपना कौन पराया – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

यश शिवांगी से आए दिन लड़ता रहता था । उनकी शादी को दो साल हो गए थे । लेकिन यश ने कभी भी अपनी पत्नी की कद्र नहीं की । इसलिए वो शिवांगी को छोड़ किसी और से रिश्ता जोड़ बैठा । यश की हरकतों से तंग आ उसके माँ – बाप ने तो उससे … Read more

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