तोता मैंना का प्यार — डा. मधु आंधीवाल

चढ़ती उमरिया के तो सपने ही रंग से रंगे होते हैं जिन पर किसी की सलाह का कोईअसर नहीं होता । बस सब हीर रांझा हो जाते हैं । यही हाल था अनन्या और प्रतुल का । हुआ ये कि अनन्या  की बढ़ी बहन मीता की शादी  निमेष से हो रही थी । शादी की … Read more

भाभी माँ – अनामिका मिश्रा

गौरव मोज़े पहनते हुए कहने लगा, बहुत दिनों से सुधा की कोई खबर नहीं आई,..मैं फोन लगाता हूं, तो रिसीव नहीं करती है….पता नहीं क्या बात है,…..मैं सोचता हूं इस बार राखी में हम दोनों ही चलते हैं उसके घर!” रेनू ने कहा, पर कैसे जाएं मुझे ऑफिस से छुट्टी नहीं मिल रही, तुम ही … Read more

हर काली रात की सुबह होती है –  डॉ उर्मिला शर्मा

माँ मुझे यहाँ से अपने पास बुला लो। यहाँ कुछ भी ठीक नहीं है।”- साधना सविता ने सुबह उठते ही जब साधना का यह मैसेज देखा तो सन्न रह गयी। वह भी अननोन नम्बर से। शायद अपने पति अभिषेक के फोन से साधना ने किया होगा।उसने विनोद जी  को जगाया। वह भी मेसेज देखकर परेशान … Read more

और प्यार हो गया – रीटा मक्कड़

सुनीता पिछले कुछ दिनों से कुछ अलग सा महसूस कर रही थी।कुछ अजीब सा जो  उसे आज तक नही हुआ। बत्तीस साल की शादी शुदा ज़िन्दगी में आज तक ऐसा कभी महसूस नही किया उसने। अगर कभी दिल मे ऐसा कोई एक तरफा ज्वार उठा भी तो उसने उसको अपने अंदर ही दबा दिया। यही … Read more

प्रेमरूप – वीणा

  बलचनवा गरदन में गमछा लपेटते हुए फगुनिया से बोला, ” फगुनिया तुम अभी तक नाराज हो.. गोइठा पाथती फगुनिया कुछ नही बोलती, हाँ गोइठा पाथते समय फगुनिया की कलाई की चूड़ियां खनखना रही थी, लेकिन फगुनिया का उदास चेहरा छुप नही रहा था। बालचन फिर बोला… तुम ससुराल से आई हो कुछ खाजा टिकरी … Read more

मायका- अनुमित्तल “इंदु”

*मायका *शब्द सुनते ही भावुक हो जाती है हर स्त्री। मायका चाहे छोटे से गांव में हो या बड़े शहर में,हर औरत को ख़ास लगाव होता है।  मुझे याद है मम्मी जब अपने मायके जाती तो नानी मामा मामियाँ सब पलकों पर लिये रहते। कितने कितने दिन मायके में लगाकर आतीं। ढेर सारे उपहार और … Read more

मैं नाराज़ नहीं हूं पापा – सुषमा यादव

एक बेटी के मन के भाव,,जो वो ना कह‌  सकी,, ,, बेटी दिल्ली में अपने पापा के साथ , मेडिकल प्रवेश की काउंसिलिंग में आई थी,, वहीं पर एक लड़के ने उससे बात करते हुए कुछ जानकारी चाही,, उसके पापा ने दूर से देखा और आकर गुस्से से कहा,, कि, ये लड़का तुमसे क्यों बात … Read more

रौनक – कंचन श्रीवास्तव

वर्षों से तड़पती भीतर से टूटी मां को कैसे भी करके पहले जैसे बनाना ही होगा चाहे जो भी हो जाए बहुत हो गया तड़पना रोना परेशान रहना। मैं देखती हूं हर रोज वो तिल तिल होके मर रही हैं मिल बैठकर बात तो करनी ही होगी भले  थोड़ी नोक झोंक  हो  पर हम समझते … Read more

 सौगात – दीपा साहू “”प्रकृति”

इतनी लंबी उम्र गुजर गई और कृष्ण तुम वहां बैठे – बैठे मुस्कुराते रहे और बस देखते रहे।हाँ मानती हूँ तुमने मुझे हमेशा मुसीबतों से बचाया है।पर कभी तुम्हें मेरे अंदर निरन्तर पलते दर्द पर कभी दर्द नहीं होता ? हाँ कृष्ण तुम्हें नहीं होता! तुम बस बाँसुरी बजाते अपनी लीला रचते रहो।क्या मेरे कर्म … Read more

हम दोनों – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)

कॉलेज पास करने के बाद जो सबसे बड़ी चुनौती थी वो ये नहीं थी की जिससे बचकाना प्रेम किया उससे शादी होगी या नहीं?(हो जाता है न कॉलेज में, वो फ़िल्मी वाला प्यार, हिरो और हिरोईन प्यार किए, फिर घरवालों ने शादी करा दी… कहानी ख़त्म) बल्कि चुनौती थी तो बस ये की छोटे शहर … Read more

error: Content is Copyright protected !!