वापसी ( रिश्तों की) – रचना कंडवाल
मॉम अब मैं उस घर में वापस नहीं जाऊंगी। सुनिधि धम से आ कर सोफे पर बैठ गई। बरखा राय की लैपटॉप पर तेजी से चलती हुई उंगलियां थर्रा कर रुक गईं। उसने लैपटॉप बंद किया और आकर सुनिधि की बगल में बैठ गई। क्या हुआ मेरा बच्चा?? उसने उसका हाथ अपने हाथों में ले … Read more