पापा,आ जाओ ना एक बार – सुषमा यादव
#पितृ दिवस #मन के भाव एक बेटी की आंतरिक वेदना,, ,,,, ,,,,**** कुछ दर्द आंसू बनकर बह जाते हैं,, कुछ दर्द चिता तक जातें हैं,*** पापा की मैं दूसरी बेटी थी,, पापा, ने भले ही दीदी को मारा, डांटा हो, पढ़ाई के बारे में,,पर मुझे कभी भी एक उंगली से भी नहीं छुआ,, पापा हम दोनों … Read more