कर्त्तव्य-बोध – डॉ पारुल अग्रवाल
#चित्रकथा रात के सन्नाटे में सड़कों पर कोई शोर नहीं था, सुनाई दे रही थी तो एम्बुलेंस की वो भयवाह आवाजें। पूरी रात घरों के आस-पास,एम्बुलेंस की आवाज़ सन्नाटे को चीरकर एक डरावना माहौल पैदा कर रही थी,हर कोई घबराया हुआ था। लोगों के हाथ अनजानों के लिए भी दुआ के लिए उठ रहे थे। … Read more