आखिरी अलविदा – गरिमा जैन 

New Project 39

समीर :”आज तो तुम बहुत खुश लग रही हो ,ऐसे तो कुछ भी कर लो तुम्हारे चेहरे पर तो मुस्कुराहट आती ही नहीं। ऐसा क्या छपा है अखबार में जिस को पढ़कर तुम्हारी मुस्कुराहट ही नहीं थम रही।” उर्मिला: “नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही कुछ याद आ गया” समीर:” अरे क्या याद आ गया … Read more

मैंने अपनी बेटी ब्याही है, बेची नहीं है! – मनीषा भरतीया

New Project 40

नैना एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती थी|घर में माता-पिता चार बहनें और एक भाई-भाभी थे। दो बहनों की शादी हो चुकी थी और दो नैना और उसकी छोटी बहन कुंवारी थीं। अब रिश्ते में बंधने की बारी नैना की थी। नैना के लिए कई रिश्ते देखे गए, लेकिन कुछ नैना को तो कुछ नैना … Read more

जिस घर में बेटियों की चलती है, वो घर नहीं बसते!!  – मनीषा भरतीया

New Project 41

रश्मि एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती थी, उसने बीकॉम तक पढ़ाई की थी| उसके परिवार में उसके माता-पिता, बड़े भाई सुरेश जिनकी शादी हो चुकी थी| अब रश्मि के लिए रिश्ते देखे जा रहे थे| कुछ लड़के रश्मि को और उसके परिवार वालों को पसंद नहीं आ रहे थे| तो कुछ ने रश्मि को … Read more

बेटियों वाले हुए तो क्या हुआ??  – मनीषा भरतीया

New Project 42

सुबह सुबह मीठी आवाज में आरती की गूंज से पूरा वातावरण निर्मल हो रहा था। उनकी आवाज में साक्षात सरस्वती का वास था। यह आरती की आवाज सुधाकर जी के घर से आ रही थी। उनकी पत्नी सुनीता जी रोज सुबह 5 बजे ही भगवान की भक्ति में लग जाती थी। सुधाकर जी के परिवार … Read more

रात रानी – कंचन श्रीवास्तव

New Project 2024 05 05T225422.575

रात की रानी सी खिली खिली रहने वाली सविता का चेहरा दिन पर दिन और निखरता जा रहा है जिसे देखकर सभी हैरान  है, हो भी क्यों ना जिन परिस्थितियों के बीच वो रह रही है उसमें तो अच्छे अच्छों के चेहरे का रंग उड़ जाए,फिर खुलकर हंसना तो दूर चेहरे पर मुस्कान भी दस्तक … Read more

सात फेरों के सातों वचन – कंचन शुक्ला

New Project 63

अद्वैता की इक्यावनवी सालगिरह थी कल। रात से भोर तक उसका मन अनमना था। उसके कानों में बार बार समन्वय का “सॉरी माफ कर दो” गूँज रहा था। पर उसे ऐसा लगा, मानो धरती फट जाए और वो उसमें समा जाए। वो उसका बार बार पूछना,” कहाँ कमी रह गई मुझसे??”, “तुम्हारी उम्मीदों पर मैं … Read more

ख़त – अनु मित्तल ‘इंदु ‘

कुमुद ने  भी अपने  पिता की मर्ज़ी के आगे सर झुका दिया था । लड़के वाले आये थे देखने । लड़का देखने में सुँदर पढ़ा लिखा था , परिवार भी संपन्न था । परिवार से भी उसकी  मम्मी की पुरानी पहचान निकल आई थी। लड़के की भाभी कुमुद के मम्मी को जानती थीं  ।दोनों  एक … Read more

भरपाई, एक बेबसी – ” रीमा महेंद्र ठाकुर “

New Project 60

हरिया, अपनी जोरु के साथ, कन्धे पर अपनी इकलौती बेटी को बिठाये लम्बे डग भरता चला जा रहा था। अगर आज छोटे मालिक चले गये तो “”” बडे मालिक से नजरे कैसे मिला पायेगा,छोटे मालिक के बडे एहसान है उसपर,,,, इस साल तो टिडिड्यो ने पूरी फसल चौपट कर दी,थी भला हो छोटे मलिक का … Read more

राजरानी – नीरजा कृष्णा

रज्जो चार वर्षों से हमारे घर काम कर रही थी।ज्यादातर नियत समय पर आना और पूरी निष्ठा से काम करना… हम सब उससे बहुत प्रसन्न रहते थे। हमारी पुरानी विश्वासी मेड ने उसको रखवाया था,”मैडम जी, ये रज्जो है। नई नई गाँव से आई है।  अब मैं थक चुकी हूँ…बहू काम करने से रोक रही … Read more

कुबेर सखा – एक मसीहा ” रीमा महेंद्र ठाकुर

New Project 42

आबादी से दूर एक कुटिया नजर आ रही थी!  संध्या बेला,  सुमन अपनी नन्ही बिटिया,श्रमिका की ऊंगली थामे कुटिया की ओर बडे बडे डग भरती, अंधेरा होने से पहले पहुंचने की चेष्टा कर रही थी!  गुरु जी ने सूरज ढलने से पहले उसे बुलाया था!  यदि देर हो गई तो श्राप भी दे सकते है,  … Read more

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