” गोरा- चिट्टा दूल्हा ” – सीमा वर्मा
‘ अरी ओ राजरानी, अब ये साज-श्रृगांर , पाउडर-लाली सब तेरह दिन तक बंद ‘ ‘ नहीं करना है तुम्हें यह सब… नहीं करना चाहिए तुम्हें ‘ चाची की भारी आवाज सुन कर स्नेहा की आंखों में मोटे-मोटे आँसू भर गये थे। लेकिन चाची ‘अचला’ का दिल नहीं पसीजा। इसके साथ ही शुरु हो गई … Read more