श्राद्ध – डॉ आदर्श
नम्रता पति दिवाकर के साथ आज मायके आई हुई है । श्राद्ध है माँ – बाबूजी का । पूरे सात बरस गुज़र गए । कुल 3 महीने का ही फ़र्क़ रहा ,पहले माँ पूरी हुईं और फिर बाबूजी । मन नहीं करता उसका यहाँ पैर रखने को । बचपन से लेकर कॉलेज तक के सारे … Read more