ईश्वर से मुलाकात – Blog Post by नेक राम

सोनू सदर बाजार की एक छोटी सी दुकान में काम करता था शाम 8:00 बजे दुकान का शटर लग जाता था दोपहर में ही सोनू नजदीक के शराब के ठेके से एक इंग्लिश की बोतल हमेशा की तरह खरीद लेता था। सदर बाजार के मेट्रो स्टेशन के पीछे ही उनके साथी  ,,विजय ,, रघु ,, … Read more

माँ जी आपकी जगह बेडरूम मे नहीं स्टोररूम मे है – Blog post by Anshita Maheshvari

मोनिका और रवि के लिए आज बहुत ही खुशी का मौका था, क्योंकि उन दोनों की मिली जुली मेहनत का नतीजा मुंबई जैसे महानगर में उनका अपना मकान उसका  मुहूर्त होने वाला था।  मोनिका खुशी में पागल हुए जा रही थी।  वह बार-बार रवि से कह रही थी- यह सब कुछ सपने की तरह लग … Read more

एक बेटी की कहानी, उसकी जुबानी | Blog By Sushma Yadav

*** है कहानी बहुत पुरानी,, एक लड़की की ज़िन्दगी की संघर्ष भरी कहानी,, उसके पढ़ने के प्रति उसकी जुनून की कहानी,,शायद आपको भी पसंद आए ये कहानी,,    तो सुनिए,,उसी की जुबानी,, **************** मैंने जब से होश संभाला, अपने को नागपुर में नानाजी के यहां पाया,, मां ने कहा, कि तुम्हारे बाबूजी का ट्रान्सफर बार बार … Read more

आखिर सास भी तो मां ही है – Blog post by Sangeeta aggarwal

” क्या बात है नंदिनी बेटा थकी थकी लग रही हो ?” नंदिनी की सास मालती जी ने उससे पूछा। ” वो बस मम्मीजी थोड़ा सिर दर्द कर रहा है !” चाय का पानी चढ़ाती नंदिनी बोली। ” दिखाओ तो …अरे तुम्हे तो बुखार है तुमने बताया क्यों नही मुझे चलो तुम अभी अपने कमरे … Read more

दुविधा – Blog post by anupma

बहुत कश्मकश मैं बैठी थी सिया रेलवे स्टेशन की बेंच पर उसको देखकर कोई भी कह सकता था की उसका बस शरीर ही है आत्मा कहीं और ही विचरण कर रही है । आज बहुत हिम्मत करके पहली बार वो उम्र के 39 वें पायदान पर पहुंच कर खुद के लिए कुछ कर रही थी … Read more

सम्मान की भूख – विनीत मोहिता

बरखा की नई-नई शादी हुई थी, तो वह अपने ससुराल में एडजस्ट होने की कोशिश कर रही थी साथ ही वहां के रीति रिवाज तौर- तरीके भी सीख रही थी।  उसकी सासू मां भी उसे ससुराल में एडजस्ट होने में काफी मदद कर रही थी।  उसकी सासू मां नहीं  चाहती थी की जो तकलीफ परेशानी … Read more

भाभी से मायका – विनिता मोहता

प्यारी बेटिया जब जिम्मेदार बहू बनकर साल भर ससुराल में सब की सेवा सुश्रषा करने के बाद जो कुछ दिन मायके में मां के सानिध्य में बिताती हैं तो बेटियां अपने बचपन को दोबारा  जी कर खुद को पहले से ज्यादा ऊर्जावान महसूस करती हैं| ऐसे ही रुपल कुछ दिनों के लिए गर्मी की छुट्टी … Read more

बहू ये घर मेरे बेटे के पैसे से चलता है – मुकेश पटेल

“सुनो मुझे कुछ पैसे चाहिए पीहू की किताबे आनी है”| कहते हुए विभा ने अपने पति प्रवीण को ब्रेकफास्ट सर्व किया| खर्चे की बात सुनकर प्रवीण का मुंह बन गया और वह फटाफट अपना ब्रेकफास्ट फिनिश करने लगा- “तुम्हें हर महीने खर्चे के लिए पैसे देता हूं | मगर उसके बावजूद भी तुम हर वक्त … Read more

बहू, बेटी बनने के लिए तैयार हो तब तो… – मुकेश पटेल

रूबी ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी शादी छोटे शहर में हो जाएगी क्योंकि वह दिल्ली जैसे बड़े महानगर में रहती थी।  लेकिन जो किस्मत को मंजूर होता है उसे कोई झुठला नहीं सकता।   रविवार का दिन था दोपहर के समय पापा के दोस्त विनोद अंकल पापा से मिलने के लिए आए हुए थे।  … Read more

मेरी सासू मां कड़वी दवाई की तरह है – मुकेश पटेल

मिथिलेश जी बिजली विभाग में एसडीओ थे और इसी साल सेवानिवृत्त होने वाले थे उनकी पत्नी उर्मिला जी का मन था कि रिटायर होने के बाद वह अपने इकलौते बेटे दुर्गेश जो गुडगांव  की एक आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और बहू भी गुड़गांव की ही दूसरी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी.   बेटे … Read more

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