कुंठा – नीलिमा सिंघल

सतीश अजीब सी दुविधा मे था, लेते हुए पंखे को देखे जा रहा था, सोनिया 4 बार आकर खाने का बोल आयी थी पर usne एक बार भी नहीं सुना था, पांचवी बार सोनिया आयी और खाने का कहकर बाहर जाने को मुड़ी पर सतीश की हालत देखकर रुक गयी, अपने आंसू छुपा कर सतीश … Read more

एक रुकी हुई ज़िंदगी – लतिका श्रीवास्तव 

उससे मिलने गई तो देखती ही रह गई उसे,क्या ये वही सुनीता है जिसे एन आईटी संस्थान में प्रवेश करवाने का गर्व हमारे एनजीओ अभी तक भुना रहे हैं….मुझे देख कर पहचान ही नही पा रही थी,निष्प्रभ निस्तेज चेहरा,डार्क सर्कल वाली निराश रिक्त सी आंखे जिनमें कभी आसमान की ऊंचाइयां नापने की बेशुमार ख्वाहिशें थीं,अशक्त … Read more

एक अनकहा रिश्ता.. “अनाथ” –  – विनोद सिन्हा “सुदामा”

अनगिनत रिश्तों की डोर को सुलझाते सुलझाते वैभव ना जाने कब इस अनजाने से रिश्ते की मोह में उलझ सा गया था उसे पता ही न चला.! एक ऐसा रिश्ता जिसका न कोई नाम था न कोई पहचान,न खून का रिश्ता न शरीर का रिश्ता,न दिल का रिश्ता न जान का रिश्ता..न दोस्ती न पहचान.. … Read more

पुण्य कमाई – दर्शना जैन

स्कूल में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में गोपाल प्रथम आया। पुरस्कार लेने वह मंच पर गया, प्रिंसिपल ने उसे बधाई दी और पूछा कि बेटा, अपने प्रथम आने पर तुम कुछ कहना चाहते हो? गोपाल बोला – सर, यह पुरस्कार मुझे मेरी माँ की वजह से मिला है।      प्रिंसिपल ने जमुना को मंच पर आमंत्रित किया। … Read more

जीने का हक़ – अनु ‘इंदु ‘

सुनंदा की ननद साक्षी ने छः महीने पहले घुटने का ऑपरेशन करवाया था । साक्षी दी को  कई सालों से गठिया था पाँव की उंगलियां टेढ़ी हो रही थीं । अब तो चलना भी मुश्किल हो रहा था । इस लिये पहले एक घुटने का ऑपरेशन करवाया , वो अभी पूरी तरह ठीक भी नहीँ … Read more

भूख – कंचन श्रीवास्तव

मुजेक, मार्वल ,टाइल्स और आधुनिक संसाधनों से संपन्न घर देख आंखें चौंधिया जाए। क्या कुछ नहीं है चाची के घर में ईश्वर का दिया धन दौलत रूपया पैसा सब कुछ तो है खाना पीना ऐसा की रजवाड़ों को भी मात दे ,कुल मिलाकर आज की स्थिति उनकी पिछली जिंदगी की से बहुत बेहतर है सभी … Read more

हीरा – अनुपमा

सुबह के पांच बज रहे थे , हीरा सो ही नही पा रही थी , बाहर से बहुत तेज तेज कुत्तों के भौंकने की आवाजें आ रही थी , हीरा बड़ बड़ किए जा रही थी ,क्या हुआ इन कर्मजलों को ,सोने भी नही देते है ,जाने कब से बस भोंके जा रहे है ,थक … Read more

जिज्जी-मीनाक्षी चौहान

मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है, उसका मेरे घर में यूँ आना-जाना। महीने में एकाध चक्कर लगा ही लेती है। माँ-बाबूजी बड़े खुश हो जातें हैं उसके आने पर। अपनी बेटी जो नज़र आती है उसमें, उन दोनों को लेकिन मैं ………..मैं उसे अपनी बहन नहीं मानता और क्यूँ मानूँ ? बहन तो मेरी एक ही … Read more

थप्पड़ – संजय सहरिया

नालिनी दीदी और गोपाल जीजाजी के होली में सप्ताह भर के लिए आने की खबर से तो युक्ता के पांव जैसे ज़मीन पर टिक नहीं रहे थे. माँ अक्सर बीमार रहती थी.इसलिए नालिनी दीदी ने काफी कम उम्र से घर की सारी जिम्मेवारियों को अपने हाथों में ले लिया था.छोटी बहन युक्ता को स्कूल के … Read more

प्रेशर कुकर-सपना शिवाले सोलंकी 

शिखा सब्जी फल लेने मार्केट गयी थी,  ख़रीददारी कर  स्कूटी पर थैली टांग ही रही थी, तभी एक मोटर सायकिल वाले ने स्कूटी में टक्कर मार दी । स्कूटी सहित वह गिर पड़ी, पैर में जमकर चोट आई । दो तीन महिलाओं ने सहारा देकर उसे पास की एक दुकान में बिठा दिया। उसनें पति … Read more

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