तलाश – राम मोहन गुप्त

(मायका_बेटियों का टूरिस्ट प्लेस) – राम मोहन गुप्त … _ … _ … _ … _ … _ … _ … ‘सुनिये, परसों मैं मम्मी से मिलने चली जाऊँ’ अनन्या ने नयन से, लगभग बताने वाले अंदाज में पूछा। ‘हाँ, क्यों नहीं, मैं भी साथ चलता हूँ, काफी वक्त हो गया सभी से मिले हुये … Read more

देने का सुख – अंजू अग्रवाल ‘लखनवी’

लंबे लॉकडाउन के बाद जब कॉलेज खुला तो अंतिमा अपनी साड़ी का ड्राअर खोलकर कंफ्यूज हो गई! इतने दिनों से साड़ी पहनने का कोई काम नहीं पड़ा था तो सब गड़बड़ हो गया! थोड़ा वजन बढ़ने से पुराने ब्लाउज के फिट आने की संभावना कम थी! वैसे भी सुबह जल्दी जल्दी उठकर भागम-भाग करने की … Read more

सीनियर सिटीज़न –  सीमा नेहरू दुबे 

यहाँ सबसे पहले एक बात कही जायेगी कि मन की कोई उम्र नही होती, कम्बखत वो बुड्डा ही नही होता, उसकी उमंगे और तरंगे तो यू ही रहती है पर ये तन है जो सारी उम्र हर खुशी, गम और मुसीबतो को अपने उपर लेता है और बैचारा बुढापे की तरफ चल देता है, खैर … Read more

बड़ी भाभी – मीना माहेश्वरी 

मायका   भैया की शादी में भाभी को विदाई में रोते देख मैं भी बहुत रोई थी ।  मेरे रोने पर सब हंस पड़े थे कि भाभी का स्वागत रो _रो कर करेंगी क्या ? क्यों भाभी पसंद नही आई क्या ?  उस दिन मुझे ये नही पता था कि एक दिन यही भाभी  हमारे लिए … Read more

तोता मैंना का प्यार — डा. मधु आंधीवाल

चढ़ती उमरिया के तो सपने ही रंग से रंगे होते हैं जिन पर किसी की सलाह का कोईअसर नहीं होता । बस सब हीर रांझा हो जाते हैं । यही हाल था अनन्या और प्रतुल का । हुआ ये कि अनन्या  की बढ़ी बहन मीता की शादी  निमेष से हो रही थी । शादी की … Read more

भाभी माँ – अनामिका मिश्रा

गौरव मोज़े पहनते हुए कहने लगा, बहुत दिनों से सुधा की कोई खबर नहीं आई,..मैं फोन लगाता हूं, तो रिसीव नहीं करती है….पता नहीं क्या बात है,…..मैं सोचता हूं इस बार राखी में हम दोनों ही चलते हैं उसके घर!” रेनू ने कहा, पर कैसे जाएं मुझे ऑफिस से छुट्टी नहीं मिल रही, तुम ही … Read more

हर काली रात की सुबह होती है –  डॉ उर्मिला शर्मा

माँ मुझे यहाँ से अपने पास बुला लो। यहाँ कुछ भी ठीक नहीं है।”- साधना सविता ने सुबह उठते ही जब साधना का यह मैसेज देखा तो सन्न रह गयी। वह भी अननोन नम्बर से। शायद अपने पति अभिषेक के फोन से साधना ने किया होगा।उसने विनोद जी  को जगाया। वह भी मेसेज देखकर परेशान … Read more

और प्यार हो गया – रीटा मक्कड़

सुनीता पिछले कुछ दिनों से कुछ अलग सा महसूस कर रही थी।कुछ अजीब सा जो  उसे आज तक नही हुआ। बत्तीस साल की शादी शुदा ज़िन्दगी में आज तक ऐसा कभी महसूस नही किया उसने। अगर कभी दिल मे ऐसा कोई एक तरफा ज्वार उठा भी तो उसने उसको अपने अंदर ही दबा दिया। यही … Read more

प्रेमरूप – वीणा

  बलचनवा गरदन में गमछा लपेटते हुए फगुनिया से बोला, ” फगुनिया तुम अभी तक नाराज हो.. गोइठा पाथती फगुनिया कुछ नही बोलती, हाँ गोइठा पाथते समय फगुनिया की कलाई की चूड़ियां खनखना रही थी, लेकिन फगुनिया का उदास चेहरा छुप नही रहा था। बालचन फिर बोला… तुम ससुराल से आई हो कुछ खाजा टिकरी … Read more

मायका- अनुमित्तल “इंदु”

*मायका *शब्द सुनते ही भावुक हो जाती है हर स्त्री। मायका चाहे छोटे से गांव में हो या बड़े शहर में,हर औरत को ख़ास लगाव होता है।  मुझे याद है मम्मी जब अपने मायके जाती तो नानी मामा मामियाँ सब पलकों पर लिये रहते। कितने कितने दिन मायके में लगाकर आतीं। ढेर सारे उपहार और … Read more

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