मैं हूँ ना – मंगला श्रीवास्तव
बहुत रात बीत चुकी थी । जुगनी अपने तीनों बच्चों के साथ गहरी नींद के आगोश में जा चुकी थी । कितने ही घरों में काम करती थी मरियल सी जुगनी अपने बच्चों केलिए व अपने घर को चलाने की खातिर ,और शाम को थककर इतना चूर हो जाती थी ,की उसको अपना कोई होश … Read more