माँ अब मैं पराई नहीं होना चाहती – मुकेश पटेल

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सीमा जी के बड़े बेटे सुमित की शादी 10 दिसंबर को थी और आज 8 दिसंबर हो चुका था बस शादी में सिर्फ 2 दिन ही बचे थे, मेहमानों का घर में आना शुरू हो चुका था।  वैसे तो यह शादी लव मैरिज थी, लेकिन इस शादी में दोनों के घरवालों की रजामंदी भी थी। … Read more

अफ़सर बिटिया – मुकेश कुमार

अरे वो  दिव्या सुनाई नहीं दे रहा है क्या? तुम्हारे बाबूजी कब से घर पर आए हुए हैं उनके लिए पानी तो लेकर आ, दिव्या ने छत से आवाज़ लगाई जी नई माँ आ रही हूं। दरअसल  दिव्या की माँ का देहांत बचपन में ही हो गया था, घर में देखभाल करने वाला कोई नहीं … Read more

सास घर की नौकरानी नहीं हैं

शालिनी  मां बनने वाली थी। आठवां महीना चल रहा था।  इस वजह से अपने मायके चली आई थी, धीरे धीरे डिलीवरी का डेट  नजदीक आ गया और वह पास के ही एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती हो गई। शालिनी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। घर में सब बहुत खुश हुए घर आते ही एक … Read more

सास बिना ससुराल अधूरा-प्रिंयंका पटेल

बेटी को कॉलेज जाते ही माधुरी जी ने अपने सेवानिवृत्त पति विनोद जी को अपने पास बुलाई और बोली दिनभर पेपर पढ़ते रहते हो कभी बेटी के बारे में भी सोचा है।  उसकी शादी कब होगी विनोद जी ने हंसते मुस्कुराते हुए बोले हो जाएगी भाग्यवान इतनी भी क्या जल्दी है, अभी हमारी बेटी की … Read more

पिया का घर प्यारा लगे

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रामचंद्र जी की तीन पुत्रियों में मंजू सबसे छोटी थी।  उन्होंने अपने दो पुत्रियों की शादी बहुत पहले ही कर दी थी। रामचंद्र जी की कमाई भी इतनी ज्यादा नहीं था कि वह अपने लड़कियों की शादी बहुत बड़े घर में कर सकते थे। अपनी दोनों बड़ी बेटियों की शादी भी साधारण घर में ही … Read more

मेरी गुरूर है मेरी सास!-Mukesh Kumar

रोजाना की तरह आज भी मैंने बच्चों और पति को नाश्ता दे कर बच्चो को स्कूल और पति को जॉब पर भेज दिया था। उसके बाद मैं कुछ देर अपने बालकनी में थोड़ी देर बैठती थी वहाँ पर ठंडी ठंडी हवा आती थी तो बहुत अच्छा लगता था। बालकनी में बैठे हुए रोजाना में एक … Read more

बहू नहीं बेटी हूँ मै

सलोनी ब्याह करके  अपनी ससुराल पहुंच गई थी.  ससुराल पहुंचते ही अपने मां के दिए हुए संस्कारों के अनुरूप घर के सारे लोगों के छोटे बड़े सारे काम करके उनके दिल में जगह बनाने में जुट गई थी उसकी मां का कहना था कि अगर तुम्हें अपने ससुराल में एक अच्छी बहू बनना है तो … Read more

कब तक चुप रहूँगी-मुकेश कुमार

रोशनी बचपन से ही होनहार थी उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती थी लेकिन उसके पिताजी के पास इतने पैसे नहीं थे   कि वह बहुत ज्यादा पढ़ाई कर सके।  इसलिए उसकी पढ़ाई 12वीं के बाद ही छूट गई थी और उसके पिताजी ने उसकी शादी एक साधारण कमाने वाले लड़के से कर दी थी। लेकिन … Read more

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