कभी नीम नीम कभी शहद शहद

शांति के  जन्म होते ही उसकी मां स्वर्ग सिधार गई शांति का  लालन पालन की जिम्मेदारी उसकी दादी ने उठाया।  लेकिन दादी भी कब तक इतनी छोटी बच्ची को पाल सकती थी आखिर में फैसला यह किया गया शांति के  पापा की शादी उसकी छोटी मौसी से कर दिया जाए।  अगले साल ही शांति की … Read more

रिश्तो की पहचान – मुकेश कुमार

New Project 56

आकृति और समीर नोएडा के एक सॉफ्टवेयर कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे दोनों कंपनी में एक दूसरे के अगल-बगल ही बैठते थे इसीलिए उन दोनों में दोस्ती हो गई और यह दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में तब्दील हो गई। 1 दिन लंच के समय समीर और आकृति बैठकर लंच कर रहे थे तभी आकृति ने कहा … Read more

दामाद बेटा तो बहू बेटी क्यों नहीं बन सकती – मुकेश कुमार

दोस्तो यह कहानी है एक मध्यम वर्गीय परिवार में रहने वाली आरती की जिसने मायके को भूलाकर ससुराल को ही अपना घर बना लिया था लेकिन ससुराल वाले उसे अपने परिवार का सदस्य मानने को तैयार ही नहीं थे उनके लिए तो घर के हर महत्वपूर्ण फैसले में बेटी और दामाद की सलाह महत्वपूर्ण थी … Read more

कुछ बंधन तोड़े से भी नहीं टूटते – मुकेश कुमार

राजू अपने दादा जी को सुपरस्टार दिलीप कुमार का अपने मोबाइल से फोटो दिखाते हुए कह रहा था, “दादा जी आप बिल्कुल इनके जैसे लगते हो।” राजू रोजाना अपने दादाजी के साथ ही मैथ पढ़ता था, जब उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता था तो वह कुछ ना कुछ बहाने कर अपने दादाजी को पटाने … Read more

नौकरी वाली देवरानी -मुकेश कुमार

कांता जी की दो बहुए थीं बड़ी बहू का नाम सरिता था और छोटी बहू का नाम मीरा था। कांता जी की दोनों बहुएं देखने में बहुत खूबसूरत थी। बड़ी बहू सरिता गांव की रहने वाली थी और सिर्फ मैट्रिक पास थी वही छोटी बहू मीरा शहर की रहने वाली थी और ग्रेजुएट थी।  छोटी … Read more

अतीत का दर्द – मुकेश पटेल

मां तो बचपन में ही गुजर  गई थी पिता का देहांत पिछले साल कोरोना महामारी में हो गया था।  आज 1 साल बाद गर्मी की छुट्टियों में शिल्पा अपने मायके आ रही थी।  भाई संतोष बहन को लेने के लिए स्टेशन पहुंच चुका था।  शिल्पा घर के अंदर प्रवेश करते ही सामने अपने मम्मी पापा … Read more

दर्द रिश्तो का – मुकेश पटेल 

रामनाथ जी दिल्ली के एक सरकारी बैंक में मैनेजर थे  उनकी शादी के 20 साल गुजर चुके थे  लेकिन अभी तक उन्होंने संतान सुख की प्राप्ति नहीं की थी  उनकी पत्नी सुनंदा इस बात को लेकर हमेशा चिंतित रहती थी कि भगवान उनकी कोख में भी एक बेटा या बेटी दे दे इसके लिए सुनंदा … Read more

मां की घर वापसी – मुकेश पटेल

New Project 99

सुषमा जी का सपना था पति के  रिटायर होने के बाद पूरे भारत के तीर्थ यात्रा करेंगी।  एक बेटा और बेटी थी जिसकी शादी पहले ही कर दी थी।  बेटा हैदराबाद में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था।  बेटी की शादी चार्टर्ड अकाउंटेंट से किया था जो दिल्ली में रहती थी। जीवन हंसी खुशी बित रही थी।   … Read more

प्यार की परिभाषा

शाम के 6 बजे का समय था। मैं अपने सभी काम ख़त्म कर कुर्सी पर बैठा हुआ एक किताब पढ़ रहा था। तभी अचानक मेरे कानों में एक आवाज पड़ी, “पिता जी, ये प्यार क्या होता है?” आवाज मेरे बेटे की थी। उसकी उम्र अभी सिर्फ 8 साल की थी। सवाल सुन कर मैं तो … Read more

मेरा फैसला – गौतम जैन

  आज खुद को बहुत तन्हा महसूस कर रही हूं मैं …. बहुत बेबस और लाचार भी ….. । पहली बार तब टूटी थी जब तुम मुझे अकेले छोड़ सारी जिम्मेदारी मुझ पर डाल कर हमेशा-हमेशा के लिए चले गए थे । एक विधवा का जीवन क्या होता है तुम क्या जानों । कैसे एक एक … Read more

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