मैं हूं ना – प्रेम बजाज
सुहानी एम. बी.ए. है अच्छी नौकरी है, खूबसूरती ऐसी कि जो देखे तो पलक झपकना भूल जाएं। गहरी नीली आंखें, पतले कमान से होंठ, सुराही सी गर्दन,तीखी नाक उफ़्फ़्फ़्। उस पर कयामत ढा रहा गोरे रंग पे, गालों पे छोटा सा काला तिल, सीना कामदेव को आमंत्रण देता, कई रिश्ते आए मगर अक्सर कहीं ना … Read more