आशा का दीपक
शाम का समय था एक मंदिर के अंदर 4 दिए जल रहे थे। मंदिर बिल्कुल ही सुनसान हो गया था ऐसे में चारों दीपक आपस में बात करना शुरू किया। पहले दीपक ने उदास होकर कहा कि “मैं शांति हूं” आज के जमाने में कोई भी मुझे रखना नहीं चाहता जहां देखो दंगे फसाद लड़ाई … Read more