बदलाव प्रकृति का नियम है-डॉक्टर संगीता अग्रवाल Moral stories in hindi

क्या कह रही हो बहू?दिक्मग तो दुरुस्त है तुम्हारा?लीलावती चिल्लाई थीं बहुत तेज़ी से जब उनकी बहू श्वेता ने धीमी आवाज़ में उनसे कहा था, राखी अपने मृत पिता को मुखाग्नि देने को कह रही है। दरअसल श्वेता के दो बेटियां ही हैं,उसे कोई पुत्र नहीं हुआ लेकिन उसके पति अशोक ने अपनी बेटियों को … Read more

ये क्या अनर्थ कर दिया है तुमने-के कामेश्वरी Moral stories in hindi

मेरे बच्चे अपनी पत्नियों के साथ अमेरिका जा रहे थे । हम दोनों पति पत्नी को साथ बिठाकर बड़े बेटे ने कहा कि माँ पापा आप दोनों शादी के इतने सालों बाद अभी भी लड़ते रहते हैं । हम अपनी नौकरियों और परिवार में व्यस्त रहते हैं । आप लोगों के बीच सुलह कराना हमारे … Read more

सन्तुष्ट-मोनिका रघुवंशी Moral stories in hindi

प्रतीक मैं नौकरी करना चाहती हूं… थाली में गर्म रोटियां रखती हुई नेहा बोली। नौकरी ऐसे अचानक, पर क्यों मैंने या मम्मी ने कभी किसी चीज के लिए रोका है तुम्हे। वो बात नही है प्रतीक, मैं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी एक पहचान बनाना चाहती हूं सुमि भी अब तीन साल … Read more

विधवा-संध्या सिन्हा Moral stories in hindi

निशा की कालिमा ने अपने पैर पसार लिए थे ।सभी सोने चले गए थे , दादी भी सो गई पक्की नींद में । दस बरस की छोटी सी सुगन ने अपनी कोठरी का दरवाज़ा बंद किया और दीये की रोशनी में अपने पुराने सन्दूक को धीरे से खोला ।उसे दो रंग की ओढ़नी ही तो … Read more

दिल से दिल तक-पुष्पा जोशी Moral stories in hindi

सुशीला माई घर का काम करके जा चुकी थी। माधवी ने अपने ऑंसू बड़ी मुश्किल से रोक रखे थे, वह जानती थी कि अगर सुशीला माई ने उसकी ऑंखों में ऑंसू  देखे तो उन्हें बहुत दु:ख होगा। वह सुशीला माई को दु:खी करना नहीं चाहती थी। दूसरी बात यह कि वह सुशीला माई के आगे, … Read more

नई सीख-अर्चना सिंह Moral stories in hindi

आज बच्चों की परीक्षा की कॉपी जांचते – जांचते काफी समय लग गया। मधु ने एक नज़र घड़ी पर डाली, शाम के 5 बज चुके थे। थकी सी वो सुस्ताये अलसाये कदमों से चल कर वह घर घुसी तो 6 बजने वाले थे। घर के अंदर आकर उसने झांका तो कोई न दिखा, फिर उसने … Read more

नया उजाला -बालेश्वर गुप्ताMoral stories in hindi

*ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने*  वाक्य पर आधारित कहानी:           *नया उजाला*     अरे झुमरू ये क्या कर दिया रे तूने,पंडित जी के मुँह से अपना मुँह लगा दिया?रे,हममें तो इनके चरणों को छूने की भी औकात नही है।     तो क्या करता बापू,पंडित जी चक्कर खा गिर पड़े थे,मुहँ से सांस नही देता तो ये मर … Read more

दर्द कि इंतहा -मंजू ओमर : Moral stories in hindi

शुभी कबसे देवेश को फोन कर रही थी लेकिन देवेश का फोन नहीं उठ रहा था । काफी देर हो गई थी देवेश को गए हुए । शुभी सोचने लगी इतनी देर क्यों लगा गई देवेश को अमित शुभी का भाई उसको ट्रेन में बैठाने ही तो गये थे देवेश ।दस बजे की ट्रेन थी … Read more

मयूरी और परिंदा -शिव कुमारी शुक्ला Moral stories in hindi

मयूरी एक आठ बर्षीय बच्ची सुबह के समय अपनी बालकनी मे बैठी  कामिक्स पढ़ने में तल्लीन थी। तभी एक परिन्दा घायल अवस्था में वहाँ आ गिरा। वह तड़प रहा था। उसके शरीर से खून निकल रहा था। पहले तो उसे देख वह सहम गई, फ़िर उठकर उसके लिए पानी लाई और अपने मम्मी- पापा को … Read more

ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने -रश्मि सिंह Moral stories in hindi

सविता-बहू, मैंने तुझे हमेशा इतना प्यार दिया, हमेशा बेटी माना, तू अपनी माँ की एक बात नहीं मान सकती। प्रीति (सविता की बहू)-मम्मी आप कुछ भी माँग लो पर ये पाप मुझसे नहीं होगा। सविता-बस इस सुई को ही तो निकलना है, फिर सब दर्द-पीड़ा से मुक्ति मिल जाएगी। हर महीने के कीमियोथेरेपी का दर्द … Read more

error: Content is Copyright protected !!