सुनो न: – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)

Post View 401 —– सुनो न, हाँ तुमसे ही बोल रहा हूँ, सुनो न! क्या? बोलो न, सुन रही हूँ। वो मैं बोल रहा था न! क्या? याद आती है मेरी? बुद्धु, ये भी पुछने वाली बात है क्या? हाँ, जब बोलती हो न, तब दिल ज़ोर से धड़कने लगता है। कुछ भी। नहीं, सच … Continue reading सुनो न: – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)