सुनो मालती – पुष्पा जोशी

Post View 161 ‘सुनो मालती!’ वह रसोई में जाते-जाते रूक गई।आज से३०वर्ष पूर्व भी उसके कानों में अरूण की यही आवाज गूंजी थी, और वह ठिठक कर रूक गई थी,उस आवाज की गूंज ने उसे अपने आप से दूर कर दिया था,उसका सारा वजूद जैसे सिमट गया था, दिल के एक कौने में।उसे आज भी … Continue reading सुनो मालती – पुष्पा जोशी