सिन्दूर – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi
Post View 774 दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद मंजू ने शहर जाकर आगे की पढ़ाई करने के लिए अपने बाबुजी से कहा। ” बाबुजी, मैं प्रतिमा की तरह छात्रावास में रहकर पढूँगी।” प्रतिमा दूसरे गाँव की श्रीवास्तव परिवार की बेटी थी। ” अरे बेटा, उन लोगों की बात अलग है।…” इतना ही बोल … Continue reading सिन्दूर – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi
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