आक्रोश – आरती झा आद्या

New Project 38

मन करता है तलाक ही ले लूॅं तुमसे। देखना एक दिन तुम तलाक लिवा कर ही मानोगी…संजय और करुणा की पच्चीस साल की शादी में बहस तो आम सी बात हो गई थी। हाॅं हाॅं…सही है…पहले जहर खा लूॅंगा…घर छोड़ कर चला जाऊॅंगा कहकर चुप कराते थे, अब तलाक का शौक हो आया है… करुणा … Read more

जीवन धारा –  कविता भड़ाना

New Project 37

“कितना समय है मेरे पास डॉक्टर साहब” सीमा ने केबिन में बैठे डाक्टर आशुतोष से पूछा तो उन्होंने बेहद गंभीर आवाज में कहा.. अधिक से अधिक 6 महीने ही है आपके पास क्योंकि ये ब्रेन ट्यूमर बहुत तेज़ी से फैलता जा रहा है … गहन विचार करने के बाद सीमा ने बड़ी शांति से पूछा… … Read more

आक्रोश –  अमित रत्ता

New Project 55

कहते हैं आक्रोश अक्ल को खा जाता है आक्रोश आबेश में उठाए कदम की सज़ा कई पीढ़ियों को भुगतनी पड़ती है। पलभर का आक्रोश पूरी जिंदगी तबाह कर जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ था इस परिवार के साथ। कहानी है एक मध्यम बर्गीय परिवार की जिसमे माता पिता और दो भाई थे। एक कि … Read more

जब आया ऊँट पहाड़ के नीचे! – नीलम सौरभ

साँवली-सलोनी कात्यायनी को हर मायने में कुशल गृहणी कहा जा सकता था लेकिन पता नहीं यह उसके भाग्य का दोष था या फिर उसमें व्यवहारिक बुद्धि की कमी कि उसके ससुराल में सभी उसे घर की मुर्गी दाल बराबर समझते थे। सर्वगुण-सम्पन्न होने के बाद भी ब्याह करके आने के बाद से ही उस बेचारी … Read more

 आधारशिला –  बालेश्वर गुप्ता |  Very Emotional Story In Hindi

New Project 50

    एक मुद्दत के बाद शंकर का अपने बचपन के मित्र रमेश से उसके फ्लैट में ही मिलना हो रहा था।असल मे मोबाइल ने दूरियां तो कम की है,पर प्रत्यक्ष मिल कर अपने दुःख सुख की अनुभूति कराना, छीन लिया है।दोनो मित्र मोबाइल पर बात चीत करते रहते थे,पर अपनी बातों को,अपने मनोभावों को कहां प्रकट … Read more

यह पछतावा, पीछा ही नहीं छोड़ता – पुष्पा जोशी

New Project 49

            रविवार,छुट्टी का दिन था , विमल, घर की बालकनी में बैठा कान्हा और मीनू को खेलते हुए देख रहा था, खेलते -खेलते वे बच्चे दादा दादी के पास आकर उनसे चिपक जाते, और एक दूसरे की शिकायत करते। दादा दादी प्रेम से उन्हें समझाते तो वे फिर से खेलने लगते। निर्मल के आंगन में बच्चों … Read more

सच्चाई – माता प्रसाद दुबे |  Very Emotional Story In Hindi 

New Project 48

शाम के पांच बज रहे थे,कौशल्या तेजी से कदम बढ़ाते हुए लाला जी कोठी की तरफ चली जा रही थी। आज उसे देर हो गई थी,वह जानती थी,कि उसके देर से पहुंचने पर लाला जी,उनकी पत्नी लक्ष्मी देवी,और उनकी इकलौती बेटी पूजा को कितनी तकलीफ होती हैं, नाश्ता,खाना,व अन्य काम की जिम्मेदारी पिछले बीस वर्षों … Read more

पछतावा, किस बात का..? – रोनिता कुंडू | online hindi kahani

New Project 46

क्या हुआ माला..? इतना क्या सोच रही हो..? अरुण जी ने अपनी पत्नी माला से कहा..  माला जी एक लंबी आह लेकर कहती है… ऐसे पूछ रहे हैं, जैसे कि कुछ जानते ही नहीं..? अरुण जी:   देखो माला..! हमारी उम्र में तुम जैसा सोच रही हो, यह स्वाभाविक है… पर अगर कभी शांत मन … Read more

माँ का घर – रीटा मक्कड़

New Project 45

आज भी अनिता को वो दिन याद है ।जब पापा की ह्रदय गति रुकने से अचानक मृत्यु हो गयी थी।उसके बाद तो घर का माहौल ही बदल गया था। बिज़नेस पर बड़े भाई और घर पर भाभी का एक छत्र राज्य शुरू हो गया था। माँ का तो जैसे किसी ने राजपाठ ही छीन लिया … Read more

पछतावा  – उमा वर्मा

moral story in hindi

 तुम को गये हुए आठ महीने बीत गए लेकिन एक पल भी ऐसा नहीं था जब तुम्हारी याद नहीं आई हो।कल अमावस्या था और जब जब अमावस्या आता है तो मेरी बेचैनी बढ़ती  जाती है ।क्या करें ।लोग कहते हैं कि अमावस्या को जब कोई जाता है तो बहुत अच्छा होता है ।पता नहीं क्या … Read more

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