तू नौकरी क्यों करना चाहती हैं?? – मनीषा भरतिया 

New Project 44

रोमा बचपन से ही आत्मनिर्भर बनना चाहती थी| उसे पुरुष पर निर्भर रहना पसंद नहीं था| वह अपने माता पिता ज्ञानचंद जी और माता तारामणि जी की इकलौती संतान थी| उसके पिता ज्ञानचंद जी बहुत बड़ी रियासत के मालिक थे, घर में दूध की नदियां बहती थीं| यूँ कहो तो घर में पैसों की रेलम … Read more

मेरे स्वाभिमान की कमाई  – रोनिता कुंडु 

New Project 77

सुनिए जी..! आज रवि का बोर्ड का रिजल्ट आया है… और वह बहुत अच्छे नंबरों से पास हुआ है…. आशिमा ने ऑफिस से लौटे अपने पति कपिल से अपने भाई रवि के बारे में कहा.. कपिल:  हम्म….अच्छा…. कहकर बाथरूम में घुस गया… जब कपिल बाथरूम से बाहर निकलता है… आशिमा:   वह मैंने उससे कहा … Read more

सहारे की बैसाखी – मंजू तिवारी

मम्मी ये ऐसे वैसे कपड़े नहीं पहनते हैं इनको तो ब्रांडेड कपड़े चाहिए मम्मी पापा भी बड़े खुश होकर अपनी बेटी के कहे अनुसार दमाद को बेटी को और उसके बच्चों को अच्छे अच्छे कपड़े दिलाते कभी पैसे देते बेटी जब भी आती एक गाड़ी भर कर सामान के साथ उसकी विदा की जाती,,, बेटी … Read more

वर्ना… वर्ना क्या कर लेंगीं आप?? – सविता गोयल

नीलम एक मध्यमवर्गीय परिवार की पढ़ी लिखी, सर्वगुण संपन्न लड़की थी। उसके पिता उसके लिए रिश्ता देख हीं रहे थे कि नीलम की बुआ एक बड़े घर का रिश्ता लेकर आ गई। देखने सुनने में सब अच्छा लगा तो नीलम के पापा ने नीलम की रजामंदी से उसका रिश्ता वहीं तय कर दिया।    नीलम भी … Read more

रिश्तों की अहमियत – शिखा जैन

New Project 56

“भाभी,आप भैया को छोड़कर अपने घर चली जाओ।मैं भी हमेशा के लिए यहाँ रहने आ गई हूँ।” आरती के यह कहने पर रीना भाभी जोर जोर से हंसने लगी जैसे आरती ने कोई चुटकुला सुनाया हो। “क्या भाभी,आप भी?इतनी सीरियस बात पर भी कोई हंसता है क्या” आरती झुँझला पड़ी। “अभी-अभी भैया आप से लड़कर … Read more

पत्नी के आने से मां की उम्मीदें खत्म नहीं होती.. – निधि शर्मा 

New Project 42

“मां मैं दफ्तर के लिए जा रहा हूं घर का और अपना ध्यान रखना। आपको कुछ चाहिए तो मुझे फोन कर देना, मैं वापस आते समय लेता आऊंगा चलता हूं। सुमन मैं जा रहा हूं मुझे गाड़ी की चाबी दे दो और गेट बंद कर लो।” राजीव अपनी मां कावेरी देवी और पत्नी सुमन से … Read more

सही राह – लतिका श्रीवास्तव

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वृद्धाश्रम के दरवाजे पर ही पिता रमानाथ जी को उतार कर राजन चलने लगा तो वृद्ध अशक्त पिता ने कोई शिकायत नहीं की बस आंसू भरी आंखों और रुंधे गले से हमेशा की तरह सदा खुश रहो बेटा का आशीष जरूर दिया जिसे सुनने के लिए बेटा राजन रुका ही नहीं….तुरंत कार स्टार्ट करके घर … Read more

काश मैंने बेटे की जगह पति और पिता बनकर फैसला लिया होता!! – संगीता अग्रवाल  

” माफ कीजिएगा मांजी आपकी बहु के मरी हुई संतान पैदा हुई है !” नर्स बाहर आ उमा जी से बोली। ” क्या ….और मेरी पत्नी कैसी है ?” उमा जी की बजाय उनके बेटे रक्षित ने पूछा। ” वो अभी बेहोश हैं असल में बच्चे की नॉर्मल डिलीवरी करवाने की चक्कर में उन्होंने पहले … Read more

संस्कार बड़ों से ही बच्चों को मिलते हैं – के कामेश्वरी

विनय मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मा था । अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था । पिता एक बहुत बड़े प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे ।विनय बहुत ही होनहार छात्र था इसलिए उसने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई बिट्स पिलानी में पूरी की थी।अहमदाबाद के कॉलेज में आइ बी एम की पढ़ाई पूरी की थी । … Read more

मैं ग्वांर नहीं संस्कारी हूं – सुल्ताना खातून

ये क्या पूजा भाभी आप नित नए डिज़ाइन की मेंहदी हाथों पर लगाएं रखतीं हैं…एकदम गवांरो की तरह… सात साल हो गए आपकी की शादी को पर आपको पर आपने शहर का रहन सहन नहीं सीखा…ये पूजा की छोटी नंद कह रही थी जिसकी अब शादी होने वाली थी। पूजा गांव की रहने वाली थी…लेकिन … Read more

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