परिवार की बर्बादी का कारण – Motivational Short Story In Hindi 

New Project 70

सीमा के घर से रोने – चिल्लाने की आवाजें बहुत जोर से आ रही थीं जिसके कारण सारा मोहल्ला ही रात के एक बजे वहां एकत्रित हो गया था। अरे…… अरे ये क्या हो गया, और कैसे हुआ, का समवेत स्वर चारों ओर सुनाई दे रहा था। उनकी मात्र छह माह पुरानी पुत्रवधु सुनंदा अर्धजली … Read more

लक्ष्मी – Motivational Short Story In Hindi 

बधाई हो सिंह साहेब आपके घर पर “लक्ष्मी” आई है.. मग़र “यूटेरस” में अधिक चोट लगने की वजह से आपकी श्रीमती अब दुबारा माँ नहीं बन सकती..अस्पताल से डॉक्टर श्रीमती वर्मा ने फोन करके कहा.. सिंह साहेब का खून खौल उठा, उन्हें लगा कि जैसे उस डॉक्टर ने उनके “जख्मों पर नमक छिड़क” दिया हो.. … Read more

जीवन दान – Motivational Short Story In Hindi 

New Project 11

 आक्रोश मन का एक भाव है, कभी कभी आक्रोश की अग्नि प्रज्वलित होकर जीवन को नष्ट कर देती है । सकारात्मक सोच के साथ यह आक्रोश कभी कभी जीवन दान भी प्रदान करता है। इसी सकारात्मक सोच के साथ लिखी एक कहानी…..              आज अंजली सुबह देर से सोकर उठी। रविवार का दिन.. आराम का दिन.. … Read more

मायका.. –  वीणा सिंह

New Project 6

अदिति मेरी बचपन की दोस्त भी पटना आई है एयर पोर्ट आए भाई ने जब ये बात बताई तो मैं खुशी से चहक उठी…            अदिति से मिलने की बात सोचकर हीं मन मयूर नाच उठे.. अपने पापा की पहली पुण्य तिथि पर आई थी…              मैं भी चली गई संजय चाचा जी की पुण्यतिथि के कार्यक्रम … Read more

Short Stories In Hindi

अच्छाई बाकी है – डॉ. पारुल अग्रवाल रमाकांत जी उम्र के साठ साल पार करने के बाद भी काफ़ी ज़िंदादिल और सकारात्मक इंसान थे। कुछ दिनों से वो जब अपनी सैर से लौट रहे होते तो एक बारह-तेरह साल के लड़के को पार्क के कोने में जूतें-चप्पल की मरम्मत वाले बक्से और  कुछ पढ़ने की … Read more

मां और माफी – गीतू महाजन  

New Project 45

जानकी देवी के पार्थिव शरीर से लिपटे हुए जतिन बाबू की चीखों से सारे गांव के लोगों की आंखों से आंसुओं की अविरल धारा बह रही थी।सारा गांव जानता था कि जतिन बाबू के दिल पर इस वक्त क्या बीत रही होगी।जतिन बाबू बार-बार एक ही बात दोहराते जा रहे थे,”मां, मुझे माफ कर दो…मुझे … Read more

स्वार्थी कौन..? – रोनिता कुंडू

New Project 95

ओफ ओह…! मां… क्या हर छोटी-छोटी बातों का बतंगड़ बना देती हो आप..? अब कहा ना याद नहीं था… मनोज अपनी मां शारदा जी से कहता है… शारदा जी:  बेटा..! यह बाल धूप में सफेद नहीं किए हैं मैंने… मुझे सब पता है… तेरी मां अब तुझ पर बोझ बन गई है… पर क्या करूं … Read more

ऐसे होते हैँ ससुर जी – मीनाक्षी सिंह

New Project 80

अंकित ,क्यूँ आ रहे हैँ पापाजी (ससुर जी) गांव से ! तुम्हे पता हैँ हम दोनों वर्किंग हैँ ! शुभी (बेटी ) भी सुबह स्कूल चली जाती हैं ! पूरा दिन घर साफ सुथरा पड़ा रहता हैँ ! पापाजी को हमेशा बलगम रहता हैँ ! पूरे दिन खांसते और थूकते रहते  हैँ ! और तो … Read more

क्यो कुछ बच्चो के पास अपने जन्मदाताओं के लिए इज़्ज़त की दो रोटी नही होती? – संगीता अग्रवाल

New Project 77

अपने कमरे मे गुमसुम बैठे अस्सी वर्षीय रामलाल जी बहुत कुछ सोच रहे थे। पास लेटी जीवनसंगिनी सुलोचना जो उनके सुख दुख की साथी रही थी आज लकवे के कारण बेबस पड़ी थी ।बेबस तो खुद रामलाल जी भी थे किसी बीमारी से ज्यादा अपनों से सताये हुए जो थे। अस्सी की उम्र देखभाल चाहती … Read more

जाके पाँव न फटी बिवाई – नीलम सौरभ

New Project 72

‘चौधरी जी का बाड़ा’…यही नाम है हमारे शहर की पुरानी बस्ती के बीच बसे उस चॉल का। ‘यू’ आकार में बनी उस तीन मंजिला रिहायशी इमारत में 36 खोलियाँ हैं अर्थात 36 परिवारों का निवास स्थान है चौधरी बाड़ा। बाड़े के मालिक अवध नारायण चौधरी परिवार सहित पॉश इलाके के अपने बड़े बंगले में रहते … Read more

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