संवेदनहीन दुनिया – संजय मृदुल

Post View 669 #जादुई_दुनिया आरव नींद में कसमसा रहा है, एक साई फाई फ़िल्म देखी है सोने के पहले, बंद आंखों में कुछ तैर रहा है। इक्कीसवीं सदी का पचासवाँ दशक, भारत का नक्शा बदल गया है। समुद्र के किनारे के अधिकांश शहर सागर तल में जा मिले हैं। अधिकांश धरती रेगिस्तान में बदल गयी … Continue reading संवेदनहीन दुनिया – संजय मृदुल