*रिश्ते में समझदारी* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

Post View 126    पवन कुमार जी घर की बालकनी में घूमते हुए जोर जोर से बड़बड़ा रहै थे। ‘वे लोग समझते क्या है अपने आप को, मेरी बेटी कोई कचरा थोड़ी है, कि जो मन में आया कह दिया। मैंने नाजो से पाला है उसे, एक खरोच भी नहीं आने दी। मेरी पढ़ी लिखी … Continue reading *रिश्ते में समझदारी* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi