रिक्त स्थान (अंतिम भाग) – गरिमा जैन

Post View 1,734 रात अंधेरी थी और इंस्पेक्टर विक्रम अपनी टीम के साथ एक सुनसान वीरान घर के इर्द-गिर्द घात लगाए बैठे थे। सुनसान में कीट पतंगों की आवाज बहुत तेज मालूम होती थी ।घर के अंदर अंधेरा था ,प्रकाश की एक किरण भी दिखाई नहीं देती। तभी झाड़ियों के पीछे झुरमुट से किसी के … Continue reading रिक्त स्थान (अंतिम भाग) – गरिमा जैन