रिक्त स्थान (भाग 35) – गरिमा जैन

Post View 3,084 पूरे चांद की रात थी और कमरे में बिखरी चांदनी में रेखा संगमरमर सी तराशी  बहुत खूबसूरत लग रही है ।आज उसने सफेद रंग की पोशाक पहनी है ।वह बिल्कुल परी लोग से उतरी कोई अप्सरा लग रही है। बहुत दिनों के बाद आज रेखा का मन काफी हल्का है। इधर काफी … Continue reading रिक्त स्थान (भाग 35) – गरिमा जैन