रेत का घरौंदा (झूठे रिश्तों से मुक्ति) – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

” मैंने तुमसे क्या कहा था ना, मीरा को बेवकूफ़ बनाकर शीशे में उतारना बहुत आसान है।तुम बेवज़ा डर रही थीं,अब मीरा  हमारे बच्चे को पालेगी और हम दोनों जीवन का आनंद उठाते रहेंगे”। मीरा जो पानी पीने के लिए रसोई में आई थी अपने पति की बात सुनकर स्तब्ध रह गई। ” हां तुम … Continue reading रेत का घरौंदा (झूठे रिश्तों से मुक्ति) – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi