‘ राम तो बनो ‘ – विभा गुप्ता 

Post View 248      ” आप मेरी बात तो सुनिए…” सुनंदा ने कहना चाहा लेकिन सुमेश ने उसे बाहर करते हुए कहा, “मुझे कुछ नहीं सुनना, इस घर में अब तुम्हारी कोई जगह नहीं है।” और भड़ाक से दरवाज़ा बंद कर लिया।          सुनंदा को कुछ समझ नहीं आया,क्या करे,कहाँ जाए।उसने एक फोन लगाया और पूरी बात … Continue reading   ‘ राम तो बनो ‘ – विभा गुप्ता