प्यार से बंधी रिश्तों की डोर” – कविता भड़ाना

Post View 1,337 “हाय कितनी गर्मी हो रही है” पसीने को पोंछती हुई माही बड़बड़ाते हुए बोली…दोपहर के 2 बजे अप्रैल माह की चिलचिलाती गर्मी में माही अपनी 10वर्षीय बेटी परी को लेने घर से थोड़ी दूर बस स्टॉप पर आई थी, उसके जैसे और भी कई पैरेंट्स अपने अपने बच्चों को लेने आए थे, … Continue reading प्यार से बंधी रिश्तों की डोर” – कविता भड़ाना