प्रेम संगनि…. – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi

Post View 7,212 आज वर्षों बाद उसे अपने सामने देख मैं काफी अचंभित था…और मन प्रसन्नचित्त भी.. प्रसन्नचित्त इसलिए कि उसने वह मुकाम हासिल कर लिया था जिसकी उसे चाह थी….और अचंभित इसलिए कि आज वो जहाँ खड़ी थी उसकी मैने कभी कल्पना भी नहीं की थी..हालांकि आशांवित जरूर था कि वह आगे अच्छा करगी … Continue reading प्रेम संगनि…. – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi