जिन्दादिली…. – कुमुद चतुर्वेदी
काफी समय से मेरे मन में उत्सुकता थी कि वृद्धाश्रम जाकर वृद्धों के जीवन,उनकी हालिया स्थिति के बारे में कुछ जानकारी लेकर मैं भी यथासंभव उनकी कुछ सहायता कर सकूँ। एक दिन मैंने वृद्धाश्रम पहुँच वहाँ के संचालक से मिलने की इजाज़त ली और उनके कक्ष में पहुँच अभिवादन करने को हाथ जोड़ ज्योंहि … Read more