अन्याय – सुधा शर्मा

एक बार फिर                  कितनी बेबसी से देख रहा था मनन , कृशकाय मिनि बिस्तर पर असहाय सी लेटी थी ,,, पता नही कब से तबियत खराब चल रही थी , पर मनन के पास फुर्सत कहाँ  थी , बस रात दिन काम , बहुत फैला हुआ बिजनेस ।        उसे नही पता कैसे वह दोनों बच्चों, … Read more

नासमझ अन्याय – सुनीता मिश्रा

“माँ, दीदी के लिये इतने सुन्दर झुमके, मैं कब से  अपने लिये छोटे से टॉप्स माँग रहीं हूँ , आपने कभी ध्यान ही नहीं दिया।” “मझली, देख बेटा वो कितने दिन की हैं इस घर में, ब्याह हो जायेगा, चली जायेगी ससुराल। वहाँ कैसे लोग मिलते, उसकी इच्छा पूरी करते की नहीं। माँ -बाप के … Read more

अन्याय –  उमा वर्मा 

तुम्हारे जाने की खबर मिलते तो मैं दौड़ती गई थी ।न कपड़े का होश था न सामान का।किसी तरह फ्लाइट का टिकट मिला था ।जल्दी में और कुछ उपाय भी तो नहीं था ।पहुँची तो होश खो बैठी थी ।तुम्हे  जमीन पर लिटा दिया गया था ।तुम तो चिर निद्रा में लीन थी।यह मै क्या … Read more

पिंजरा सोच का – अभिलाषा कक्कड़

क़िस्सा है यह पुराना मोबाइल का नही था तब ज़माना  उफ़ !! दस बज गये हैं आज भी कहीं देर ना हो जाये, संजना जल्दी जल्दी किताबें उठाकर बाहर की ओर निकल गई । अभी  दस कदम चल भी नहीं पाई थी कि सामने से बड़ा सा ट्रक देख कर मन में बुदबुदाई… इन छोटे … Read more

अन्याय – अनामिका मिश्रा 

प्रभा एक साधारण दिखने वाले कम पढ़ी-लिखी लड़की थी, बहुत ज्यादा खूबसूरत नहीं थी,सावला रंग था।उसके गरीब पिता चाहते थे कि,उसकी शादी गांव में,अपनी ही बिरादरी में हो जाए। पर गरीबी और संजोग की भी बात थी कि,वहां गांव में उसे कोई लड़का नहीं मिला, किसी दूसरे गांव में उसके पिता ने उसका विवाह रचा … Read more

क्या जरूरी है लिव इन ,,,,? – पूजा मनोज अग्रवाल

पच्चीस वर्षीय मिनी पिछले अठारह वर्षों से अपनी मां नेहा और अपने भाई अमन के साथ बैंगलोर  में  रह रही है । उसके पिता ने उसकी मां को एक कैनेडियन लड़की के प्रेम में पड़ कर तलाक दे दिया था ,,, तब से उसकी मां नेहा  दोनो बच्चो को लेकर अपने देश भारत वापस आ … Read more

  विश्वासघात – मधु शुक्ला

आरती के पति सुदर्शन वन विभाग में कार्यरत थे। उनकी पोस्टिंग ज्यादातर जंगलों के आसपास रहती थी। जहाँ शिक्षा के पर्याप्त साधन नहीं होते थे। इसलिये अपनी ससुराल में (जो कि महानगर था)  बच्चों को पढ़ाने के उद्देश्य से रहती थी। सुदर्शन साप्ताहिक छुट्टी में आया करते थे। आरती का जीवन बहुत अच्छे से व्यतीत … Read more

सब्जी का रंग नही स्वाद देखिए – ममता गुप्ता

“माँ जी!! आप चख कर बताना की आज सब्जी कैसी बनी है..? सब्जी में मसाले बराबर डले है या नही….नीता ने बड़े उत्साहित होते हुए अपनी सास शारदा जी से पूछा।। चखना क्या है…? वो ही रोज के जैसे सब्जी बनाई होगी। जिसमे न मिर्ची न नमक औऱ न ही तेल…बस बीमार आदमी के जैसी … Read more

कैसी सजा – रीटा मक्कड़

कितने चाव और लाड़ किये थे सबने बड़ी बहू के जब दुल्हन बन कर इस घर मे आई थी।  आसपास के लोग जब मुँह दिखाई पे आये तो उनके मुँह खुले और आंखे फ़टी की फटी रह गयी थी। कि इतनी सुंदर और गोरी चिट्टी दुल्हन कहां से ढूंढी सुरेश ने। बड़ी भाभी सास ससुर, … Read more

तुम छात्र संघ की नेता बनोगी लड़ाई अन्याय की,,, – मंजू तिवारी 

प्रीति क्या हुआ कल तुम  स्कूल नहीं आई प्रीति बोली कुछ नहीं बंदना कल जब मैं स्कूल से घर गई तभी से मेरे सिर में बहुत जोर से दर्द हो रहा था  मेरी तबीयत स्कूल में भी ठीक नहीं थी घर जाकर मेरे सिर में बहुत जोर से दर्द हुआ इसलिए मैं अगले दिन स्कूल … Read more

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