मैं यह अन्याय नहीं कर सकता – विभा गुप्ता
एमबीए करते ही वरुण को दिल्ली के एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिल गई।रहने की व्यवस्था होते ही उसने अपनी माँ वसुधा जी को भी अपने पास बुला लिया।दरअसल वरुण के पिता एक सरकारी मुलाज़िम थें।वरुण जब पाँच वर्ष का रहा था,तभी उसके पिता की मृत्यु हो गई थी।उसकी माँ के लिए अकेले बेटे का … Read more