मेरे माँ-बाप की इज्जत नहीं करोगी तो तलाक लेलो

भानु और पति रमेश ने बहुत ही गरीबी में अपना समय बिताया. लेकिन अपने बेटे की परवरिश में कभी कमी नही की. रमेश फल और सब्जियों का ठेला लगा कर घूम घूम कर बेचता और भानु लोगों के कपड़े सिलाई कर घर चला कर भी अपने एक बेटे कृपाल की पढ़ाई करवाई. और बेटे ने … Read more

कुछ खास है हम सभी में – डॉ. पारुल अग्रवाल

सिया आज की पढ़ी लिखी आत्मविश्वास से भरी हुई सुलझी हुई महिला थी। वो उन महिलाओं में से नहीं थी जो घर गृहस्थी के चक्कर में अपनेआपको भूल जाए और अपने पर बिल्कुल भी ध्यान ना दे। वो अपने घर,परिवार और अपने शौक के साथ संतुलन करना जानती थी। उसके चेहरे की चमक-दमक और आत्मविश्वास … Read more

आशा की किरण – डा. मधु आंधीवाल

सीमा प्रतिदिन कालिज से आते जाते एक छोटे बच्चे की पीठ पर बहुत छोटी बच्ची को गले से बंधा देखती । बच्चा पीछे बच्ची का बोझ उठाता और आगे एक टोकरी में पान और पान लगाने का सामान रख कर पान बेचता । सीमा को अपना बचपन याद  आगया । मां पापा एक हादसे में … Read more

सफर में चलते हुए – संजय मृदुल

कहाँ जाना है? उसने पूछा। बहुत दूर। मैंने कहा। कितनी दूर?फिर प्रश्न आया। जहां से वापसी सम्भव ना हो। जवाब दिया मैंने। ऐसा क्यों? वो झुंझलाई। बस यूं ही। मैं लापरवाही से बोला। जाना क्यों है? ऐसे पूछा मानों कोई काम हो उसे भी। बस यूं ही। मैं बोला। जरूरी है क्या? अब उसकी आवाज … Read more

अपनी खुशियों के लिए आपको अकेला नहीं छोड़ सकती – अर्चना कोहली “अर्चि”

आज सुधीर को गए तीन महीने बीत चुके थे। जब-जब भी अनु सफेद साड़ी में लिपटी निस्तेज़-सी श्यामा को देखती, उसका कलेजा मुँह को आ जाता। फूल-सी कोमल हँसती-खिलखिलाती श्यामा की क्या हालत हो गई है। कुदरत भी क्या खेल रचाती है”।   अनु को याद आया, कितने चाव से वह छह महीने पहले ही … Read more

यादों का सहारा – रश्मि सिंह 

सुबह के 6:30 बज रहे थे। चाँदनी- आजा रोशनी बेटा नाश्ता कर ले, वरना परीक्षा के लिए लेट हो जाएगी। रोशनी- बस आयी माँ, एक बार कबीर जी की जीवनी दोहरा लू। हाई स्कूल की बोर्ड परीक्षा में ये जीवनी ज़रूर आती है। माँ मैंने नाश्ता कर लिया है। माँ बस दो परीक्षा और रह … Read more

सुनो मालती – पुष्पा जोशी

‘सुनो मालती!’ वह रसोई में जाते-जाते रूक गई।आज से३०वर्ष पूर्व भी उसके कानों में अरूण की यही आवाज गूंजी थी, और वह ठिठक कर रूक गई थी,उस आवाज की गूंज ने उसे अपने आप से दूर कर दिया था,उसका सारा वजूद जैसे सिमट गया था, दिल के एक कौने में।उसे आज भी याद है,जब शादी … Read more

तेरी मां जिंदा है अभी – सरोज प्रजापति 

2 दिन हो गए थे शर्मा जी के पार्थिव शरीर को हॉस्पिटल में रखें।शर्मा जी व उनकी पत्नी  सरकारी नौकरी में अच्छे पद से रिटायर हुए थे। दोनों का एक ही बेटा था। जो पढ़ लिख ,शादी कर पत्नी के साथ अपना सपना पूरा करने अमेरिका जा बसा था। नौकरी रहते हुए शर्मा जी व … Read more

माँ क्या आपको मेरा मेरा दर्द नहीं दिख रहा – रत्ना साहू 

जिस सरकारी नौकरी के लिए दीया दिन-रात  मेहनत करती थी। जी-जान लगाकर पढ़ाई करती थी, वही सरकारी नौकरी के लिए ज्वाइनिंग लेटर आ चुका है. पर उसका रो-रोकर बुरा हाल है। वह नौकरी करने को तैयार नहीं। सास और ननद दोनों समझा रही हैं, मगर वो समझने को तैयार नहीं। वह बार-बार अधीर हो रही … Read more

लगाव – कंचन श्रीवास्तव 

पति की मृत्यु ने नीना को तोड़के रख दिया, टूटती भी कैसे न, ‘ बच्चों की परवरिश,प्राइवेट नौकरी ऊपर से किराए का मकान , आखिर कैसे करेगी वो इन सबका सामना अकेले, इसके लिए इनकम का होना सबसे ज्यादा जरूरी था जो कि ना के समान था।अरे भाई हो भी क्यों न कोई सरकारी नौकरी … Read more

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