एक सहारा ऐसा भी  – अमिता गुप्ता “नव्या”

सोहनलाल एक विशाल बरगद के पेड़ के नीचे बैठे, अपने जीवन के बिताए 75 वर्षों की स्मृतियों में गोता लगा रहे थे। पत्नी सुशीला के स्वर्गवास के उपरांत बेटे बहू के द्वारा उपेक्षा, अनादर मिलना उनके अंतर्मन को कचोट रहा था। कितना निस्सहाय महसूस कर रहे थे… पूरी जमीन जायदाद बेटों के नाम कर दी, … Read more

ममता का कर्ज़ – कल्पना मिश्रा

“डॉक्टर साहब, जब आप छुट्टी पर थे तब कोई आदमी एक बुढ़िया को यहाँ भर्ती कराकर चला गया है और तबसे आजतक वापस लौट कर नही आया। दिक्कत ये है कि वह बुढ़िया अपने बारे में कुछ भी नही बता पा रही है। हमनें बहुत कोशिश किया पर भर्ती कराने वाले ने अपना नाम, पता … Read more

पति पत्नी – भगवती सक्सेना गौड़

राम ने बड़ी मुश्किल से पत्नी सीता को कमर से सहारा देकर देहरी उतरने में सहारा दिया और उसी समय दोनो की आंखे मिली और दोनो ने आंखों ही आंखों में पूछा, “कुछ याद आया।” दोनो अतीत में खो गए। 40 वर्ष पहले फरवरी में सगाई हुई थी, एक दूसरे के ख्याल में डूबे रहते … Read more

पतिदेव मैं अपने लिए अकेले काफी हूँ। – चेतना अग्रवाल

सिया, शाम को तैयार रहना…. आज की मूवी के टिकट बुक कर दिये हैं।” आरव ने ऑफिस से फोन किया तो सिया खुश होने के बजाय सोच में पड़ गई। अपनी सोच को एक तरफ कर सिया काम निपटाने लगी।शाम को उसने दोनों बच्चों को तैयार किया और खुद भी तैयार हो गई। आरव का … Read more

मंज़िल – सुनीता मिश्रा

मै नहीं जानती थी की मैं कहाँ जा रही हूँ । रात का समय, बारिश की झड़ी लगी थी। बिजली और बादलों की गड़गड़ाहट में होड़ लगी थी। मैं पूरी तरह भीग गई थी। तरबतर थे कपड़े। होश नहीं था मुझे। आखिर मेंरा कसूर क्या था। इतना ही न मैंने आज उस पर हाथ उठा … Read more

तुम्हारे सहारे की नहीं ,साथ की दरकार थी। – स्मिता सिंह चौहान

रागिनी अस्पताल की खिड़की से बाहर एकटक निहार रही थी,जैसे इंतजार कर रही हो किसी का।तभी कमरे का दरवाजा खुला और राजीव हाथ में कुछ फल और दवायें लेकर अंदर दाखिल हुआ “पता है रागिनी डाक्टर कह रहा था ,तुम रिकवर कर रही हो ।जल्द ही घर जा पाओगी ,फिर हम खूब मजे करेंगे।अभी तुम … Read more

एक दूजे का सहारा – पुष्पा जोशी

  गरिमा का मन उदासी के गर्त में डूब गया था। आज डॉ. भार्गव ने भी स्पष्ट शब्दों में कह दिया था, कि वह माँ नहीं बन सकती है। वह कितने ही डॉक्टरों को बता चुकी थी, और इलाज करा-करा कर थक गई थी। डॉक्टर भार्गव उसकी आखरी उम्मीद थे। एक सन्तान की चाहत में … Read more

 सहारे की आड़ में – विभा गुप्ता

   टेलीविज़न पर केबीसी शो का रिपीट टेलीकास्ट हो रहा था, ‘आनंद निवास’ के बड़े हाॅल में पिन ड्राॅप साइलेंस था।पुरुष-महिलाएँ सभी बैठकर एकटक अमिताभ बच्चन जी को देख रहें थें कि अब वे हाॅट सीट पर बैठे व्यक्ति से अगला प्रश्न क्या पूछेंगे।तभी एक सेविका ने आकर बताया कि दो लोग बड़ी दीदी से मिलना … Read more

राजा बेटा – सीमा वर्मा 

” आज मुझे ऐक्टिव सर्विस से रिटायर होने में बस एक हफ्ते ही रह गए हैं “ ऑफिस के लंच ब्रेक में अकेली बैठी सीनियर मैनेजर ‘दर्शना’ की आंखों के सामने स्मृति के चलचित्र चल रहे हैं। ‌करीब इक्कीस बर्ष की थी मैं जब न्यू कोऑपरेटिव कालोनी के उस पीले रंग की बड़े से मकान … Read more

वाह बेटा बड़ी चिंता होने लगी पत्नी की. – कनार शर्मा 

बहुत हुआ समीर तुम्हें क्या लगता है “मुझे किसी के सहारे की जरूरत नहीं है”???? क्या ये बच्चा सिर्फ मेरा है?? क्या बच्चा पैदा करने के बाद मां तुरंत रिकवर हो जाती है??… तुम्हें अंदाजा भी है प्रेग्नेंसी के 9 महीने तरह-तरह के बदलाव सहन किए, बदलते हारमोंस, चिड़चिड़ापन उल्टी की शिकायत, उठना बैठना, चलना … Read more

error: Content is Copyright protected !!