कालचक्र (भाग 2)- डॉ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “मां तुम्हारी नाराजगी मुझसे है न … मेरे भूख से तो नहीं ..सब बताऊंगी .. पहले पेट में तो कुछ डालने दो.”   मां सब-कुछ बर्दाश्त कर सकती है किन्तु संतान की भूख-प्यास नहीं..हाथ का काम छोड़ मां ने उसके हाथ में सुबह का ठंढा दाल-चावल और थोड़ी सी सब्जी पकड़ा … Read more

कालचक्र (भाग 1)- डॉ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : समय का पहिया घुमता रहता है ..कभी उपर कभी नीचे. कालचक्र के झंझावातों से इस नश्वर संसार में कोई अछूता नहीं है.   इति जब घर लौटी.शाम ढल चुकी थी.. बरामदे में ताऊ दोनों हाथ पीठ पर बांधे चहलकदमी कर रहे थे…सांझ के धुंधलके में उनके चेहरे का भाव इति को … Read more

छोटा शहर – श्रीप्रकाश श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सुनंदा खुश थी। उसके दोनों औलादों की घर गृहस्थी सेटेल हो चुकी थी। बेटा दिल्ली में बैंक में लग गया तो वही बेटी दामाद चंढीगढ में। बेटी की शादी इलाहाबाद में की मगर दामाद की नौकरी चंढीगढ में थी। जो दिल्ली से ज्यादा दूर नहीं था। वह जब भी दिल्ली जाती तो देानेां जगह आराम … Read more

बहू तुम मेरी बेटी की तरह हो – मीरा परिहार : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : विद्या अपने पति के कमरे में प्रस्थान करती हैं। जहाँ उनके आदरणीय पति बलराम जी लेटे हुए ही फोन पर यूट्यूब चैनल चलाकर कुछ देख रहे हैं।” ..” हेलो ! सुनिए जी! “ …” हुँ ! चाय बन गयी क्या ? “ …” हाँ जी ! वह तो बन गयी … Read more

बहू तुम मेरी बेटी की तरह हो (भाग 1) – : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : विद्या अपने पति के कमरे में प्रस्थान करती हैं। जहाँ उनके आदरणीय पति बलराम जी लेटे हुए ही फोन पर यूट्यूब चैनल चलाकर कुछ देख रहे हैं।” ..” हेलो ! सुनिए जी! “ …” हुँ ! चाय बन गयी क्या ? “ …” हाँ जी ! वह तो बन गयी … Read more

अधूरी पहचान – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : लाड़ली दो-दो छिके री दल्लान….. लाड़ली दो-दो छिके री दल्लान….. लाड़ली बाबा खड़े री कुछ मांग….  लाडली ताऊ खड़े री कुछ मांग….  मैं क्या मांगू मेरे बाबा हजारी…. मैं क्या मांगू मेरे ताऊ हजारी…. हाथ का दिया, भाग का लिखा चलेगा मेरे साथ…. लाडली दो दो छिके री दल्लान….. ढोलक … Read more

सफ़र मुहब्बत का (भाग -20) : Moral Stories in Hindi

अब तक आपने पढ़ा…. सब कंपनी जाने के बाद रस्तोगी जी के घर आ जाते है….गौरव और अनुराधा के बीच जो गेम हुआ उसमें अनुराधा बातों ही बातों में इज़हार कर देती है… अब आगे…. गौरव और अनुराधा एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे….. कणिका अपना गला साफ करते हुए कहती है…. हम … Read more

बहू भी तो बेटी ही है – सुषमा यादव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शादी होने के कुछ महीनों बाद मैं प्रिया को देख रही थी,वह अपने मायके आई थी। मैंने उसे देखा तो हैरान रह गई। शादी से पहले वाली ही प्रिया थी। शर्ट और पैंट पहने। शादी के कोई भी चिन्ह उसके शरीर में नहीं थे। ना मांग में सिंदूर ना हाथों … Read more

बहू तुम्हारे मायके वाले हैं या मुसीबत – स्वाति जैंन : Moral Stories in Hindi

क्या जरूरत हैं ?? इतना सारा खाना बनाने की ?? मम्मी पापा ही तो आ रहे हैं तुम्हारे !! सिर्फ चाय नाश्ता करवा देना , सब गरीबों का ठेका नहीं ले रखा हमने समझी और वे लोग वैसे भी क्या लेकर आ जाते हैं तुम्हारे लिए ?? मंहंगा सामान देने की तो औकात भी नहीं … Read more

बहू तुम मेरी बेटी की तरह हो – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुशीला जी सुबह उठती है और अपनी भाभी को रसोई में काम करते हुए देखकर भड़क जाती है,” ये क्या हेमा ! बहू के होते हुए तू रसोई में चाय बना रही है, अब तो बहू आ गई है, उसे उठा, हम तो ससुराल में चार बजे उठ जाते थे, … Read more

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