मैं तुम्हारा बाप हूँ – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi
“ बेटा नवीन, अगर हैं तो पाचं सौ रूपए देता जा, तेरी मां की शूगर की दवाई खत्म हो गई है,दवाई खाए बगैर वो खाना नहीं खा सकती”। अभी पिछले हफ्ते ही तो दिए थे एक हजार रूपए, अब कहां से लाऊं इतने पैसे, दुकान तो घाटे में जा रही है, यह कह कर नवीन … Read more