थप्पड़ – संजय सहरिया

नालिनी दीदी और गोपाल जीजाजी के होली में सप्ताह भर के लिए आने की खबर से तो युक्ता के पांव जैसे ज़मीन पर टिक नहीं रहे थे. माँ अक्सर बीमार रहती थी.इसलिए नालिनी दीदी ने काफी कम उम्र से घर की सारी जिम्मेवारियों को अपने हाथों में ले लिया था.छोटी बहन युक्ता को स्कूल के … Read more

प्रेशर कुकर-सपना शिवाले सोलंकी 

शिखा सब्जी फल लेने मार्केट गयी थी,  ख़रीददारी कर  स्कूटी पर थैली टांग ही रही थी, तभी एक मोटर सायकिल वाले ने स्कूटी में टक्कर मार दी । स्कूटी सहित वह गिर पड़ी, पैर में जमकर चोट आई । दो तीन महिलाओं ने सहारा देकर उसे पास की एक दुकान में बिठा दिया। उसनें पति … Read more

गुलाबी शॉल-सपना शिवाले सोलंकी 

माँ की तबियत ,अचानक से ख़राब हो गयी, खबर सुनकर ,शशि का मन बेचैन हो उठा। उसने तुरन्त अपने पतिदेव, सुधीर के ऑफिस में कॉल किया और  टिकिट बुक करने को कहा। सुधीर ने आई. आर .टी .सी. की वेबसाइट में सर्च किया, शशि को बताया कि अभी कन्फर्म टिकिट नही मिल पा रही है, … Read more

कंगन-मधु जैन 

“अरे! सुधीर बड़े खुश नजर आ रहे हो। इतने सारे पैसे, क्या खरीदने वाले हो ?” “पत्नी के लिए कंगन। भांजी की शादी में जाना है। मेरी दोनों भाभी के हाथों में सोने के कंगन और मेरी पत्नी के हाथों में सिर्फ कांच की चूड़ियां, मुझे बहुत बुरा लगता है।” “यार, तुम्हारे दोनों भाई तो … Read more

सच्चा तीरथ-नीरजा नामदेव

 शिवानी इस बार बहुत दिनों बाद अपने मायके आई । सब से मिलने के बाद वह जीजी को ढूंढने लगी क्योंकि पहले जब भी वह आती थी जीजी उसके स्वागत में पहले  ही दरवाजे में दिखाई देती थी। दादी ने  शिवानी को बताया कि जीजी  अपने ससुराल गई है। शिवानी को बहुत आश्चर्य हुआ क्योंकि  … Read more

दूध – गुरविन्दर टूटेजा

अनय व दिव्या की शादी को तीन साल हो गये थे…दोनो नौकरी करते थे व सैलरी भी अच्छी थी….अभी दो महीने पहले ही उन्हे एक बेटा हुआ है…!!!!! शहर में दो दलों में झगड़े के बाद कर्फ्यू लगा दिया था और आज पाँचवा दिन था….बहुत परेशानी आ रही थी….सबसे ज्यादा छोटे बच्चे को…क्योंकि घर पर … Read more

दस्तूर – अरुण कुमार अविनाश

” रमेश बाबू और कितना समय लगेगा ?” – गोविंद जी असहाय भाव से बोले। ” बड़े बाबू आप खुद सिस्टम का हिस्सा रहें है – आपसे क्या छुपा है ! – सरकारी दफ्तर में आवेदन देना – खस्सी को वध स्थल पर पहुचानें जैसा काम है – खस्सी जाना नहीं चाहता और कसाई खींच-खींच … Read more

हमारे पापा – मीनाक्षी सौरभ

मोहल्ले की सारी लड़कियों के हाथ पीले होकर गोद में बच्चा लाने की तैयारी होने लगी थी और हमारे पापा को हम अभी भी बच्ची लग रहे थे। ना,ना… ठहरिए, दिमाग के घोड़े ना दौड़ाइए। ऐसा नहीं है कि हम उम्र में बड़े हो गए थे, बल्कि बाकियों की शादियाँ जल्दी हो गई थी। वो … Read more

मातृभाषा – तरन्नुम तन्हा

लंदन वाली ननद, मोना, के आने के एक हफ्ते पहले ही घर में तैयारियाँ शुरु हो गईं थी। वह हमारी शादी में तो आई नहीं थी, क्योंकि हमने सीधी-सादी कोर्ट-मैरिज की थी। हालाँकि शैलेश, मेरे पति, ने घर के लॉन में रिसेप्शन की छोटी सी पार्टी दी थी, जिसमें सभी आए थे। शैलेश ने ही … Read more

सबूत – प्रीती सक्सेना

मम्मी पापा का फ़ोन,,, रिंकी चिल्लाई, आ रही हूं, क्या बात  है,, फ़ोन कैसे किया, अरे वर्मा ने नई गाड़ी ली है, बोल रहा है, शीतला माता वाटर फाल चलें सब, एक ही गाड़ी से, पिकनिक जैसा हो जाएगा, क्या कहती हो, बिल्कुल चलेंगे, मैं गीता से बात कर लेती हूं, कुछ हल्का फुल्का बनाकर … Read more

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