क्या तूने सास को गोद लिया है? – संगीता अग्रवाल

New Project 67 1

“बेटा कहां रह गई तू तो आज आने वाली थी ना यहां ?” शारदा जी अपनी विवाहित बेटी शालिनी को फोन करके बोली। ” हां मां वो मांजी की तबियत अचानक खराब हो गई तो अस्पताल लाएं है उन्हे बस !” शालिनी बोली। ” अरे बहाने होंगे सब होती है कुछ सासें बहु के मायके … Read more

मासी माँ – रश्मि प्रकाश

New Project 65 1

# एक टुकड़ा “राजी चल बेटा स्कूल का समय हो गया…. पता है ना दो दिन बाद से तेरी परीक्षा है… ख़ूब मन लगाकर पढ़ाई करना है …अपने मम्मी पापा का नाम रौशन करना है ।” लक्ष्मी ने आठ साल की राजी से कहा “ मासी माँ मुझे मम्मी पापा से ज़्यादा आपका नाम रौशन … Read more

एक अनोखा रिश्ता- संगीता अग्रवाल 

New Project 6

#एक_टुकड़ा ” तुमने ऐसा क्यों किया अभिनव आखिर क्यों हमारी हंसती खेलती जिंदगी को एक पल में वीरान कर तुम तो चले गए पर मेरा क्या मैं तो तुम्हारी तरह कायर भी नही जो अपनी जिम्मेदारी से भाग आत्महत्या का रास्ता अपना लूं!” कनिका बस में बैठी सोच रही थी उसकी आंख में आंसू आ … Read more

सासु मां के ताने – मंजू तिवारी

बहू-मम्मी आज तो बड़ी ठंड है देखो मेरे हाथ कितने ठंडे हो गए।   सास-ठंड है तो इसमें क्या कर सकते हैं हाथों को क्या देखना। बेटी-मम्मी आज तो बड़ी ठंड है देखो मेरे हाथ कितने ठंडे हो गए।                  मां-तेरे हाथ तो बहुत ठंडे है अच्छे से कपड़े पहन लो नहीं तो बीमार पड़ जाओगी बहुत … Read more

जींस  – कमलेश राणा

 मेरे बच्चों और पतिदेव को जानवरों से बड़ा प्यार है,,,पर मुझे उन्हें छूने में बड़ा डर लगता है इसलिए मैं दूर ही रहना पसंद करती हूँ,,,  एक बार बेटे के मित्र के पिताजी का ट्रांसफर जबलपुर हो गया,,,उनके पास डाबरमैन प्रजाति का कुत्ता था,,देखने में ही बड़ा खूंख्वार लगता था  ,,,वैसे भी यह भेड़िया प्रजाति … Read more

नालायक बेटा – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

New Project 80

” बाबूजी “बाबूजी, आप हमें छोड़ कर चले गये ।दुनिया से ।चले तो उस दिन ही गये थे जब हम दोनों भाई छोटे थे।कुल चार और पांच साल के।आज आप की बरसी है ।अम्मा बताती थी कि सौतेली माँ के खराब व्यवहार के चलते आपने अपना घर, स्त्री,और बेटे को छोड़ कर चले गए थे … Read more

सिंदूर – कंचन श्रीवास्तव

New Project 83

स्त्री वही अच्छी जो मान मर्यादा का ख्याल रखें और दोनों कुल की लाज काकी ने रेखा की तरफ इशारा करके बगल वाली बुआ से कहा , अब देखो न इसे आई थी तो लोग कितना भला बुरा कहते थे पर ये एक जवाब किसी को न देती बल्कि बुराई सुनते हुए भी बगल से … Read more

ह्रदयंगम ‘ -रंजना बरियार

New Project 84

आज ‘ह्रदयंगम वृद्धाश्रम’ में फिर कोई नया  सदस्य आया है, ह्रदय के सारे गिले शिकवे, व्यवहार दुर्व्यवहार को अंत:भित्तियों मं दफन कर नयी दुनिया को ह्रदयंगम करने!कोई नयी बात तो नहीं है,सप्ताह में अमूमन एक सदस्य का इज़ाफ़ा हो ही जाता है!…महीने में प्राय: एक भगवान को प्यारे भी हो जाते हैं! ऐसे ही संतुलन … Read more

  गलती किसकी – ऋतु अग्रवाल

New Project 86

रात के 12:00 बज रहे थे। अचानक से निहारिका की आँख खुली। पानी पीकर फ्रेश होने चली तो माँ बाबूजी के कमरे की लाइट जल रही थी। दरवाजे के पार से आवाजें आ रही थी।  “कौशल्या, मैं कह रहा हूँ, तुम अपने मायके नहीं जाओगी। कभी नहीं का मतलब कभी नहीं।” बाबूजी शब्दों को चबा … Read more

मुखाग्नि! – सारिका चौरसिया

New Project 87

उनकी चिता धु धु जल रही थी, अस्पताल से साथ आये कर्मचारी बड़ी बेरुखी से चिता पर लाश रखने और दाह कार्य करने की प्रक्रिया को अंजाम दे रहे थे। हाँ!अब वे मात्र लाश ही तो रह गए थे। कोरोना का पहला दौर था,और महामारी अपने चरम पर थी। मृतकों को घर की ड्योढ़ी पर … Read more

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