ओ री चिरैया, अँगना में फिर आजा रे – पल्लवी विनोद
Post View 6,582 आज पाखी की विदाई है। मनोहरलाल जी शादी की तैयारियों के बीच रह-रह कर एक नजर पाखी की तरफ देख रहे हैं जैसे वो इस पल को अपनी आँखों में बसा लेना चाहते हैं। चिड़िया की तरह घर आँगन में फुदकने वाली पाखी आज उन्हीं का आँगन छोड़ कर चली जायेगी। कैसे … Continue reading ओ री चिरैया, अँगना में फिर आजा रे – पल्लवी विनोद
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