आखिरी मुलाकात – श्रीप्रकाश श्रीवास्तव: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : ‘‘मम्मी, आप चाय में चीनी बहुत डालती है।’’ अजय का स्वर तल्ख था। ‘‘क्या करूं। कभी कभी अंदाजा नहीं मिल पाता है,‘‘वसुधा के स्वर से लाचारी स्पष्ट थी। ‘‘एक ही काम आप रोज करती है तब भी सही नहीं कर पाती?’’अजय के कथन पर वसुधा का मन भींग गया। यह … Read more

वसीयत – रश्मि सहाय : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :  पंकज ड्राइंग रूम के सोफे पर अधलेटे से थे, और सामने पड़े थे कुछ पेपर, और ड्राइंगरूम में ही लगभग समवयस्क उनकी एक बहन और तीन भाई भी मौजूद थे।     बातचीत का एक दौर खत्म हो चुका था, और वहां सन्नाटा पसरा हुआ था। सभी की आंखों में आज से … Read more

इसमे संकोच कैसा – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :     ” आप यहाँ बैठिये भाईसाहब…मैं अभी पानी लेकर आती हूँ।” सोफ़े की ओर इशारा करते हुए सुनंदा जी अपने समधी प्रशांत बाबू को कहकर रसोई में चली गईं।तभी दिवाकर बाबू भी प्रशांत बाबू का सामान लेकर आ गये और बोले,” अब आप यहाँ आराम से रहिये।”   ” मैं यहाँ… … Read more

जेठानी की अकड़ और देवरानी का स्वाभिमान (भाग 2)- स्वाति जैन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :रेशमा , रमेश से कहती भी थी कि कहीं ऐसा ना हो कि आपकी छोटी सी नौकरी के कारण कल के दिन हमारे बच्चे बड़े होकर आप पर सवाल दागे कि संयुक्त परिवार होने पर भी पापा एक साधारण नौकरी क्यूं करते थे जबकि ताऊजी फैक्ट्री संभालते थे !! पापा भी … Read more

जेठानी की अकड़ और देवरानी का स्वाभिमान (भाग 1)- स्वाति जैन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : मालकिन मैं जा रही हूं , रमा की आवाज कान में पड़ी तो रुचिका बोली खाना खा लिया !! हाँ मालकिन खा लिया रमा बोली !! रूचिका बोली , मैंने तेरे बच्चों के लिए खीर डिब्बे में भरकर रखी हैं जरा लेते हुए जाना !! रमा बोली मालकिन रोज – … Read more

जीवनसाथी के साथ न होने का दर्द कोई नहीं बाँट सकता! (भाग 2)- डाॅ संजु झा: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मनीष ने उसे अपने और करीब लाते हुए कहा -” निभा!मैं भी तुम्हारे और बच्चों के बिना नहीं रह सकता हूँ,परन्तु इस उम्र में माँ-पिताजी अकेले कैसे रहेंगे?मेरे भाई की अभी पढ़ाई पूरी नहीं हुई है।बहन की भी शादी करनी है।सबसे बड़ी बात बच्चे यहाँ अच्छे स्कूल में पढ़ाई कर … Read more

जीवनसाथी के साथ न होने का दर्द कोई नहीं बाँट सकता! (भाग 1)- डाॅ संजु झा: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कभी अपने लिए  कुछ पल की चाहत  रखनेवाली निभा  को आज अकेलेपन ने अपनी बाँहों में कैद कर लिया है।कभी उसका घर सास-ससुर, देवर-ननद ,पति और बच्चों की  हँसी-ठिठोली से गूँज करता था,परन्तु आज वही दीवारें भी उसकी तरह गुमसुम पड़ी हैं।बेटी की शादी हो चुकी है,बेटा काॅलेज गया हुआ  … Read more

जीते जी माँ बाप को अतृप्त रखने वालों को उनके श्राद्ध का हक नही ( भाग 2)- संगीता अग्रवाल

” चलो पापा आप भी!” मानसी ने उठते हुए से कहा। ” अरे नहीं दीदी पापा को क्या परेशान करना वो यही खा लेंगे खाना आप चलिए!” नेहा बोली। ” पर भाभी…!”  ” पर वर कुछ नहीं दीदी अब इस उम्र मे पापा क्या बाहर तक आएंगे वो कमरे में ही खाते है खाना!” नेहा … Read more

जीते जी माँ बाप को अतृप्त रखने वालों को उनके श्राद्ध का हक नही ( भाग 1)- संगीता अग्रवाल

” दीदी कल पापा का पहला श्राद्ध है आपको याद है ना हमने बड़ी पूजा रखवाई है उनकी आत्मा की शांति के लिए तो आपको सपरिवार आना है!” नेहा अपनी ननद मानसी से फोन पर बोली। “नहीं भाभी मैं नहीं आ पाऊंगी आपकी तो पता है इनको छुट्टी नहीं मिलेगी!” मानसी ने कसैले मन से … Read more

दोयम दर्जे की सोच (भाग 2)- आरती झा आद्या

थोड़ी देर में ही लड़कियों की भीड़ लग जाती है… हमारे पास मरने के अलावा रास्ता ही क्या है… रोज रोज नोचे जाने से तो अच्छा है.. एक बार में खुद को खत्म कर लो.. एक लड़की दूसरी से कहती है। रोज रोज नोचे जाने से क्या मतलब है इसका.. जैसे ही दिया ने उनसे … Read more

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