पराई माँ – मुकेश कुमार

विनोद जी का एक ही बेटा था जिसका नाम विकास था। बचपन से ही पढ़ने में बहुत ही होनहार था।  वह हमेशा घर में कुछ न कुछ नए नए प्रयोग करता रहता था। अपने बेटे के प्रयोग को देखकर विनोद जी ने भी मन बना लिया था कि बड़ा होगा तो बेटे को इंजीनियर बनाऊंगा।  … Read more

रिश्तो की पहचान – मुकेश कुमार

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आकृति और समीर नोएडा के एक सॉफ्टवेयर कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे दोनों कंपनी में एक दूसरे के अगल-बगल ही बैठते थे इसीलिए उन दोनों में दोस्ती हो गई और यह दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में तब्दील हो गई। 1 दिन लंच के समय समीर और आकृति बैठकर लंच कर रहे थे तभी आकृति ने कहा … Read more

दर्द रिश्तो का – मुकेश पटेल 

रामनाथ जी दिल्ली के एक सरकारी बैंक में मैनेजर थे  उनकी शादी के 20 साल गुजर चुके थे  लेकिन अभी तक उन्होंने संतान सुख की प्राप्ति नहीं की थी  उनकी पत्नी सुनंदा इस बात को लेकर हमेशा चिंतित रहती थी कि भगवान उनकी कोख में भी एक बेटा या बेटी दे दे इसके लिए सुनंदा … Read more

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