सुख-दुख अपने हाथ में (भाग 2) – विभा गुप्ता   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: जवाब में चौधरी जी मुस्कुराये और बोले ,” जीवन में सुख-दुख,लाभ-हानि तो लगी ही रहती थी।बहू के आने से भला इसका क्या संबंध।       घर में जब आर्थिक तंगी होने लगी तब सुषमा ने एकस्ट्रा खर्चों में कटौती करनी शुरु कर दी।पति को अपने जेवर देते हुए वह बोली कि किसी का … Read more

सुख-दुख अपने हाथ में (भाग 1 ) – विभा गुप्ता   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi:   ” दीदी…दीजिये ना..पराँठे मैं बेल देती हूँ।” कहते हुए गरिमा अपनी जेठानी सुषमा के हाथ से बेलन लेने लगी।   ” अरे नहीं गरिमा..मैं कर लूँगी।तुम अपना नाॅवेल पूरा कर लो..इस समय तो तुम पढ़ती हो।” कहते हुए सुषमा ने गरिमा के हाथ से बेलन ले लिया और पराँठे बेलकर सेंकने लगी। … Read more

मेरी ननदें मेरे लिए बोझ नहीं है ( भाग -3) – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सुरेखा ने उसे देखते ही ताना मारा और मुंह बनाया, पर नीरजा ने इसकी परवाह नहीं की, और अपनी मम्मी सुनीता जी को बताया कि उसकी सास उसकी नौकरी करने के लिए राजी हो गई है, वो अपनी मार्क शीट, सर्टिफिकेट और डिग्री लेने आई है। ये सुनते ही सुरेखा … Read more

मेरी ननदें मेरे लिए बोझ नहीं है ( भाग -2) – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “भैया, आप मुझे बार-बार बोझ कहकर बुला रहे हो, कल को आपकी बेटी भी बड़ी होगी तो वो भी बोझ होगी, उसकी शादी भी जल्दी ही बिना उसकी मर्जी के कर दोगे क्या” ? नीरजा ने सवाल किया तो रमेश और सुरेखा चुप हो गये। भाई और भाभी के दबाव … Read more

मेरी ननदें मेरे लिए बोझ नहीं है ( भाग -1) – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ये क्या तुम वापस मायके आ गई!! तुम्हें शर्म नहीं आती, जब देखो मुंह उठाकर चली आती हो? ससुराल में मन नहीं लगता क्या? सुरेखा भाभी ने ताना मारा तो नीरजा अंदर तक हिल गई, पर वो भाभी का ये कड़वा ताना भी सह गई। अभी दो साल पहले ही … Read more

गीतांजलि – डॉ पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

New Project 57

Moral stories in hindi  : आज पूरे छः महीने के साथ के बाद सासू मां गीतांजलि को छोड़कर अपनी अंतिम यात्रा की और प्रस्थान कर गई थी। कहने को तो,सुमित्रा जी गीतांजलि की सास थी पर इन छः महीनों में दोनों ने एक-दूसरे के साथ मां-बेटी से भी बढ़कर रिश्ता निभाया था। वो तो बिन … Read more

सबसे बड़ी भूल (भाग – 3) – माता प्रसाद दुबे  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: एक हफ्ते से ज्यादा समय तक रमादेवी कस्बे वाले घर में रहने के बाद भंडारे और पूजा पाठ को विधि पूर्वक सम्पन्न कराकर शहर वाले घर में वापस आ चुकी थी, रमादेवी के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही थी,वह हमेशा उदास रहने लगी थी, प्रशांत आकाश उनकी पत्नियां सभी एक … Read more

सबसे बड़ी भूल (भाग – 2) – माता प्रसाद दुबे  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: सुबह के आठ बज रहे थे, रमादेवी पंडित दीनानाथ से भंडारे के आयोजन के लिए फोन पर बात कर रही थी।”अरे मम्मी! अबकी बार मैं भंडारे और पूजा में शामिल नहीं हो पाऊंगा, मुझे जरूरी मीटिंग अटेंड करनी है?” प्रभात रमादेवी के पास आते हुए बोला। ” बेटा! तू तो बड़ा … Read more

सबसे बड़ी भूल – माता प्रसाद दुबे  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: रात के बारह बज रहे थे,जीवन के पैंसठ बसंत देख चुकी रमादेवी की आंखों से नींद गायब थी,वह अतीत के पन्नों में खोई हुई पुराने दिनो को याद कर रही थी,तीस वर्ष की अल्पायु में जब पति का साथ छूट गया था,छोटे-छोटे तीन बच्चों को पालने पोसने उन्हे शिक्षित करके समाज … Read more

विधवा नहीं सधवा – प्रीति सक्सेना

New Project 95

मैं सुधा!! एक नई नवेली दुल्हन  !! पर मैं न तो शरमा रही हूं न ही लाज से मेरी आंखें बोझिल हो रही हैं, मैं सोच में डूबी हूं…. क्यों डूबी हूं ? क्या वजह है मेरे सोचने की? उसके लिए मुझे दो वर्ष पीछे की स्मृतियों में जाना पड़ेगा और अपने अतीत को बाहर … Read more

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