मेरी जिन्दगी की डायरी का दर्दीला पन्ना – डा. मधु आंधीवाल

Post View 353                 एक ऐसा अपार दर्द मैं दिल में समेटे हुये हूँ । बहुत लम्बा समय गुजर गया मेरी पूरी जिम्मेदारी भी लगभग पूरी चुकी हैं पर जब तक हम जिन्दा रहते हैं मां बाप को भूलना बहुत मुश्किल होता है। बच्चों के सामने भी वह दर्द नहीं दिखाया जाता बस अकेले में … Continue reading मेरी जिन्दगी की डायरी का दर्दीला पन्ना – डा. मधु आंधीवाल