मेरा तो पहला बच्चा है ना – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

Post View 4,568 श्यामा के परिवार में दो बेटे और दो बेटियां थीं।पति बहुत पहले एक चाय का ठेला लगाते थे।बड़ा बेटा आलूबंडा,समोसा,जलेबी बनाया करता था।आफिस मुख्यालय के सामने सुबह छह बजे से ठेला ग्राहकों के लिए उपलब्ध रहता था।पास ही में अस्पताल था,सो मरीजों के रिश्तेदारों के लिए यह ठेला किसी रेस्टोरेंट से कम … Continue reading मेरा तो पहला बच्चा है ना – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi