मंगला मुखी (भाग-17) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

Post View 23 बाबू ने एक पल रुककर दोनों को देखा। शायद उन्हें विश्वास था कि इतनी बड़ी बात सुनकर कदम्ब अपना निर्णय बदल देगा लेकिन वे दोनों अब भी चुप थे, तब उन्होंने तुरुप की आखिरी चाल चली – ” एक बात और कान खोलकर सुन लो। हमारे पास जो कुछ है, उसमें से … Continue reading मंगला मुखी (भाग-17) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi